क्षीरभवानी में लगा रहा विशिष्ट जनों का तांता
हजारों की संख्या में कश्मीरी पंडित श्रद्धालु वीरवार को कश्मीर के गांदरबल जिले में तुलमुला स्थित मां क्षीरभवानी के पावन दर्शनों के लिए जम्मू से करीब नब्बे वाहनों में रवाना हुए। इनमें पचास एसआरटीसी तो करीब चालीस निजी वाहनों में पंडितों ने क्षीरभवानी मेले में भाग लेने के लिए कूच किया। सरकार ने पंडितों को मेले में भाग लेने के
जम्मू। हजारों की संख्या में कश्मीरी पंडित श्रद्धालु वीरवार को कश्मीर के गांदरबल जिले में तुलमुला स्थित मां क्षीरभवानी के पावन दर्शनों के लिए जम्मू से करीब नब्बे वाहनों में रवाना हुए। इनमें पचास एसआरटीसी तो करीब चालीस निजी वाहनों में पंडितों ने क्षीरभवानी मेले में भाग लेने के लिए कूच किया। सरकार ने पंडितों को मेले में भाग लेने के लिए मुफ्त ट्रांसपोर्ट सुविधा मुहैया करवाई है।
वाहनों में बैठने से पहले श्रद्धालुओं ने तुलमुला स्थित मां राघेन्या को मन ही मन नमन किया। मन में कश्मीर में अमन बहाली, सुख-शांति व आपसी सौहार्द की कामना करते हुए पंडितों ने सफर शुरू करने से पहले मां के प्रेम में जयकारे भी लगाए। अपनी माटी से मिलने की मधुर आस से पंडित श्रद्धालुओं के चेहरों पर अपने घर वापस जाने की चाह साफ दिख रही थी, लेकिन उनके मन में एक ही मंशा थी कि वह अपने घर वापस पूरे सम्मान के साथ जाना चाहते हैं। सुरक्षित माहौल के लिए उनकी प्राथमिकता रही है। सुबह जब जगटी टाउनशिप से भी पच्चीस गाड़ियों का काफिला निकला तो उनमें कई महिलाएं व बच्चे भी थे, जो पहली बार अपनी मातृभूमि को नमन करने के लिए खुशी-खुशी से निकले थे। जगटी की विमला रैणा का कहना है कि मां क्षीरभवानी मेले का आयोजन पंडित समुदाय की संस्कृति का अभिन्न अंग रहा है। आतंकवाद के कुछ वर्ष उन्होंने अपनी माटी से दूर रह कर बिताए हैं जिसने पंडित समुदाय की आत्मा को झकझोरा है। देर शाम श्रीनगर और उसके बाद तुलमुला पहुंच कर शुक्रवार को मां राघेन्या के दरबार में हाजिरी देंगे। क्षीर, सूखे मेवे, मिश्री व धूप-दीप के साथ मां की पारंपरिक पूजा करेंगे। मेले में भाग लेने के लिए दिल्ली, पंजाब, महाराष्ट्र, पुणे व बंगलौर से भी श्रद्धालु तुलमुला स्थित मां के मंदिर में अपनी हाजिरी देंगे।ऊधमपुर में क्षीरभवानी मेले में हिस्सा लेने बसों में जा रहे यात्रियों की सूची बनाते अधिकारी।
मां क्षीरभवानी के दरबार में हाजिरी लगाने के लिए वीरवार को ऊधमपुर व गढ़ी से डेढ़ सौ से अधिक कश्मीरी पंडित गांदरबल व टिक्कर के लिए रवाना हुए। वीरवार सुबह सात बजे से ही एडीडीसी दफ्तर के बाहर कश्मीरी पंडितों का पहुंचना शुरू हो गया था। इनको ले जाने के लिए जम्मू-कश्मीर राच्य परिवहन निगम की चार बसें मंगवाई गई थी। इसमें से एक बस से 38 श्रद्धालुओं को श्रीनगर के टिक्कर के लिए रवाना किया गया। तीन बसों से 126 श्रद्धालुओं को तुलमुला के लिए रवाना किया गया।
इस अवसर पर जोनल ऑफिसर माइग्रेंट रिलीफ विजय कुमार ने बताया कि टिक्कर रवाना किए गए श्रद्धालु में गढ़ी व ऊधमपुर से 25 पुरुष व 13 महिला शामिल हैं। तुलमुला रवाना किए गए श्रद्धालुओं में 103 पुरुष व 61 महिलाएं शामिल हैं।
ये सभी श्रद्धालु छह जून को तुलमुला और टिक्कर में पहुंच कर मां क्षीरभवानी के मंदिरों में शीश नवाएंगे। रवाना हुए श्रद्धालुओं ने कहा कि मां क्षीरभवानी ने उनको दर्शनों के लिए बुलाया है, इससे वह खुश हैं। वहां मां के दरबार में कश्मीर में सबकुछ पहले की तरह सामान्य करने पंडितों को फिर से उनके घरों में वापसी के लिए कामना करेंगे।
राज्यपाल एनएन वोहरा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उपमुख्यमंत्री ताराचंद ने मां राघेन्या (क्षीर भवानी) के वार्षिक मेले की पूर्व संध्या पर वीरवार को राच्य की जनता विशेषकर कश्मीरी पंडितों को मुबारकबाद दी। उन्होंने उम्मीद जताई कि आपसी सद्भाव, मजहबी भाईचारे और कश्मीरियत का प्रतीक यह पर्व कश्मीर में सुख-समृद्धि के दौर की बहाली का मार्ग प्रशस्त करते हुए सांप्रदायिक सौहार्द को और ज्यादा मजबूत बनाएगा। राच्य मंत्रिमंडल के सदस्यों जिनमें वित्त व लद्दाख मामलों के मंत्री अब्दुल रहीम राथर, हज मंत्री पीरजादा सईद, ग्राम विकास मंत्री अली मुहम्मद सागर, वनमंत्री मियां अलताफ अहमद, स्वास्थ्य मंत्री ताज मोहिद्दीन, शहरी विकास मंत्री नवांग रिजगिन जोरा, सिंचाई मंत्री श्यामलाल शर्मा, समाज कल्याण मंत्री सकीना इतू, कृषि मंत्री गुलाम हसन मीर, बागबानी व खेल मंत्री रमण भल्ला और उच्च शिक्षामंत्री मुहम्मद अकबर लोन भी शामिल हैं, ने भी इस पावन अवसर पर लोगों को बधाई दी है। वीरवार को पर्यटनमंत्री गुलाम अहमद मीर ने तुलमुला का दौरा कर वहां श्रद्धालुओं के लिए किए गए प्रबंधों का जायजा लिया।
जम्मू में भी भक्तों ने टेका माथा-
ज्येष्ठाष्टमी पर जम्मू के भवानीनगर स्थित मां क्षीरभवानी मंदिर में हजारों पंडित श्रद्धालुओं ने मां राघेन्या की पूजा अर्चना की। महिलाओं ने सुबह सवेरे ही मां के मंदिर में अपनी हाजिरी लगाना शुरू कर दी थी। तुलमुला में क्षीरभवानी मंदिर की तर्ज पर ही जम्मू में बनाए गए क्षीरभवानी मंदिर में पंडितों ने मां राघेन्या की पूजा-अर्चना कर समुदाय की सुख शांति व समृद्धि के लिए कामना की। विस्थापन में रहते हुए पंडितों ने भवानी नगर में मां क्षीरभवानी के मंदिर की स्थापना की थी, जिसका प्रबंधन अर्ध महारात्रि मां राघेन्या ट्रस्ट की ओर किया जा रहा है। प्रबंधन ही हर वर्ष मेले का आयोजन करता है। इस वर्ष भी ट्रस्ट ने श्रद्धालुओं को सुविधा मुहैया करवाने के लिए कई बंदोबस्त किए हैं। परंपरा के साथ महिलाओं ने मां राघेन्या की दूध, दही, धूप, फूल, चावल से पूजा अर्चना कर पंडित समुदाय के लिए अमन की दुआ की। भवानी नगर स्थित मां क्षीरभवानी परिसर में सुबह से सैकड़ों श्रद्धालुओं से खचाखच भरा हुआ था। महिलाओं की संख्या अधिक थी। मां राघेन्या की भक्ति से मंदिर परिसर गुजायमान था। एक तरफ भजन कीर्तन चल रहा था तो दूसरी ओर महिलाओं के ग्रुप घेरे में बैठ कर रत्नदीप, मिश्री की डलियों, धूप व च्योति से सजी थाली को लेकर मंदिर के प्रांगण में पंडित से पूजा करवा रही थी। मां क्षीरभवानी के मंदिर के इर्दगिर्द बना सरोवर दूध व पानी और फूलों से सराबोर था।