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लाला की खुशी में नंदबाबा ने लुटाए उपहार

श्रीकृष्ण जन्मस्थान के भागवत भवन में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के बाद मंगलवार को नंदोत्सव की धूम रही। नंदबाबा अपने लाल के आने की खुशी में जमकर उपहार लुटा रहे थे। उपहार पाकर श्रद्धालु अपने को धन्य समझ रहे थे। इस अद्भुत नजारे में हर कोई भगवान की लीला में सराबोर हो गया। इस लीला में भागवत भवन की शोभा पीत प्यार

By Edited By: Published: Wed, 20 Aug 2014 01:26 PM (IST)Updated: Wed, 20 Aug 2014 01:42 PM (IST)
लाला की खुशी में नंदबाबा ने लुटाए उपहार

मथुरा, जागरण संवाददाता। श्रीकृष्ण जन्मस्थान के भागवत भवन में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के बाद मंगलवार को नंदोत्सव की धूम रही। नंदबाबा अपने लाल के आने की खुशी में जमकर उपहार लुटा रहे थे। उपहार पाकर श्रद्धालु अपने को धन्य समझ रहे थे। इस अद्भुत नजारे में हर कोई भगवान की लीला में सराबोर हो गया।

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इस लीला में भागवत भवन की शोभा पीत प्यारी हो गई। हर कोई नंदनंदन हो गया। बैकुंठ से ज्यादा आनंद जन्मस्थान पर बरस रहा था। इस अमृत वर्षा में श्रद्धालुओं का तन-मन भीग गया। नंदबाबा ने लाला के आगमन की खुशी में वस्त्र, मिष्ठान, मेवे, फल लुटाए तो जन्मस्थान नंद के आनंद भयौ जय कन्हैयालाल की जयघोषों से गूंज उठा। इस अद्भुत क्षण का साक्षी बनने को श्रद्धालु सुबह से ही श्रीकृष्ण जन्मस्थान पहुंचने लगे। हर किसी की जुंबा पर केवल राधा-कृष्णा-राधा-कृष्णा के जयघोष थे। श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर आने वाले श्रद्धालु अपने को सौभाग्यशाली समझ रहे थे। इस दौरान श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा, सदस्य गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी और जन्मस्थान के पदाधिकारी उपस्थित थे।

वृंदावन में भी उपहार और कान्हा की छीछी लूटने को मची रही होड़

वृंदावन। सोलह कलाओं के आवतारी ने जब ब्रजभूमि पर जन्म लिया तो उल्लास चारों ओर दिखाई दिया। ब्रजवासियों ने कन्हैया के जन्म पर दिल खोलकर उपहार लुटाये। मंदिरों में कान्हा की छीछी लुटायी गई। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के दूसरे दिन नंदोत्सव पर्व का आनंद उठाने वालों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। बांकेबिहारी मंदिर, राधाबल्लभ मंदिर, राधादामोदर, राधारमण, राधाश्यामसुंदर, गोविंददेव, गोपीनाथ, इस्कॉन, प्रेममंदिर के अलावा हजारों मंदिर, आश्रम और मठों में मंगलवार को दधिकांधा उत्सव मनाया गया। इस दौरान मंदिर सेवायतों के अलावा श्रद्धालुओं ने जमकर उपहार लुटाये। मंदिरों में पंचामृत में हल्दी मिला कान्हा की छीछी भी खूब लुटायी, जिसका प्रसाद पाकर श्रद्धालु खुद को सौभाग्यशाली समझ रहे थे। अमीर-गरीब की रेखा को तोड़ते हुए मंदिर, मठ और आश्रमों में हर वर्ग के लोगों ने कान्हा के जन्मोत्सव पर लुट रहे उपहारों को पाने को ऐड़ी-चोटी तक का दम लगा दिया। हर किसी के मन में कम से कम एक उपहार पाने की ललक देखी गई। इनमें महिला पुरुष और बालकों के अलावा बुजुर्ग भी पीछे नहीं रहे। सुबह 9 बजे शुरू हुआ मंदिर, आश्रम, मठों के अलावा घरों में दधिकांधा उत्सव दोपहर तक मनाया गया।

बाल टोलियों में लगी रही होड़

मंदिर दर मंदिर और आश्रम में टोलियां बनाकर ब्रजवासी बालक दधिकांधा में शामिल हुए। एक मंदिर से दूसरे मंदिर निकलने से पहले लूटे उपहार और पैसों का हिसाब किताब करते और आगे की रणनीति बनाकर अगले मंदिर की ओर चल पड़ते।

बांके बिहारी की मंगल आरती में उमड़ा सैलाब

वृंदावन। बांके बिहारी की मंगला आरती में सोमवार की मध्य रात्रि के बाद आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। विद्युत प्रकाश से प्रेममंदिर की अनोखी छटा के मध्य श्रीविग्रह का महाभिषेक हुआ। उत्साह और उमंग से सराबोर लीलास्थली रातभर जगमग दिखाई दी। माखनचोर लीलाधारी की लीला स्थली श्रीधाम वृंदावन में भक्तों की भावना रातभर आस्था और उमंग से गुलजार रही। रात 8 बजे से प्रेम मंदिर में भगवान की लीलाओं का आनंद उठाने को हजारों भक्तों का रेला उमड़ता रहा। श्रीविग्रह का महाभिषेक विधि विधान से हुआ। उधर बांकेबिहारी मंदिर में सोमवार की रात शयनभोग आरती के बाद मंदिर के पट भले ही बंद हो गये, लेकिन भक्तों ने बांकेबिहारी का दरबार नहीं छोड़ा। साल में एकबार होने वाली मंगला आरती के विलक्षण पलों का साक्षी बनने की इच्छा ने श्रद्धालुओं की नींद उड़ा दी थी। पट बंद होने के बावजूद हजारों भक्त मंदिर के चबूतरे और आसपास के इलाकों में जमे रहे। रात को 1.45 बजे ठा. बांकेबिहारी जी के पट खुले तो चारों ओर से मंदिर प्रांगण में रेला टूट पड़ा। चंद क्षणों में मंदिर में ऐसा हुजूम उमड़ा कि पैर रखने को भी जगह नहीं मिली। लोग एक-दूसरे को धकियाते, धक्कामुक्की करते रहे। 1.50 बजे शुरू हुई मंगला आरती के विलक्षण पलों को हृदय में कैद करने वालों का तांता लग गया। मंगला आरती के बाद सुबह 5 बजे तक बिहारीजी मंदिर भक्तों के दर्शन के लिए खोला गया। कुछ देर बांकेबिहारी ने आराम किया तो 7.45 बजे मंदिर के पट फिर खुल गये। इसके बाद दधिकांधा उत्सव मनाया गया।

मालपुआ के बाद मिले कढ़ी-चावल

श्रीकृष्ण जन्म महोत्सव में शामिल होने आए श्रद्धालुओं को रविवार को मालपुआ, हलुवा, पूड़ी का स्वाद मिला तो मंगलवार को नंदोत्सव में कढ़ी-चावल मिले। गर्मी में गला तर करने को प्याऊ भी लगाई गईं। आस्था और विश्वास की डोर थामे आए श्रद्धालु इस सम्मान को पाकर गदगद हो उठे। मंगलवार को शहर में नंदोत्सव की धूम मची हुई थी। भंडारा लगाने वाले लोग श्रद्धालुओं को पूरे सम्मान के साथ प्रसाद ग्रहण करने का अनुरोध कर रहे थे। श्रद्धालुओं को अतिथि समझ कर सेवा की जा रही थी। भूतेश्वर चौराहा,महोली रोड, होलीगेट, आर्य समाज रोड, गोविंद नगर, कृष्णा नगर, जिला अस्पताल आदि स्थानों पर स्थानों पर भंडारों के पंडाल सजे हुए थे। गर्मी में श्रद्धालुओं का गला तर करने को जगह-जगह प्याऊ भी लगाई गई थीं।

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पूर्ण अवतार श्रीकृष्ण


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