केदारनाथ यात्रा पर इस बार दो हजार घोड़े-खच्चर को ही अनुमति
विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम की यात्रा के लिए इस बार केवल दो हजार घोड़े-खच्चरों को ही स्वास्थ्य परीक्षण के बाद लाइसेंस जारी किया जाएगा। इसके लिए 21 अप्रैल से सोनप्रयाग में लाइसेंस बनाने के लिए 10 दिवसीय शिविर लगाया जाएगा। गत जून में आई प्राकृतिक आपदा के दौरान बड़ी संख्या में डंडी-कंडी एवं घोड़े-खच्चर आपदा की भेंट चढ़ गए थ
रुद्रप्रयाग। विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम की यात्रा के लिए इस बार केवल दो हजार घोड़े-खच्चरों को ही स्वास्थ्य परीक्षण के बाद लाइसेंस जारी किया जाएगा। इसके लिए 21 अप्रैल से सोनप्रयाग में लाइसेंस बनाने के लिए 10 दिवसीय शिविर लगाया जाएगा।
गत जून में आई प्राकृतिक आपदा के दौरान बड़ी संख्या में डंडी-कंडी एवं घोड़े-खच्चर आपदा की भेंट चढ़ गए थे। विगत वर्षो की भांति इस वर्ष भी केदारनाथ यात्रा के लिए घोड़े-खच्चरों एवं डंडी-कंडी का पंजीकरण किया जाना है। इसके लिए गढ़वाल आयुक्त पौड़ी ने जिला पंचायत को आदेश दे दिए हैं कि दो हजार घोड़े-खच्चर ही केदारनाथ यात्रा मार्ग पर चलाए जाएंगे। पिछले वर्षो तक लगभग 5000 से अधिक घोड़े-खच्चरों को अनुमति दी जाती थी। इस बार यह आंकड़ा काफी कम हुआ है।
पंजीकरण से पूर्व पशुपालन विभाग घोड़े-खच्चरों के स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जारी करेगा। इसके बाद जिला पंचायत घोड़े-खच्चरों के मालिकों को लाइसेंस निर्गत करेगा। साथ ही रुद्रप्रयाग जिले के लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। घोड़े-खच्चरों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए राजकीय पशु चिकित्सालय अगस्त्यमुनी, ऊखीमठ, गुप्तकाशी के साथ ही घोड़ा पड़ाव सोनप्रयाग में शिविर लगाए जाएंगे। जिला पंचायत 21 से 30 अप्रैल तक सोनप्रयाग में घोड़े-खच्चरों एवं डंडी-कंडी के श्रमिकों का लाइसेंस बनाने के लिए शिविर लगाएगा।
पिछले वर्षो की तुलना में इस बार केदारनाथ यात्रा के लिए अधिकतम दो हजार घोड़े-खच्चरों के लाइसेंस बनाने की अनुमति प्रशासन ने दी है। 21अप्रैल से सोनप्रयाग में होने वाले पंजीकरण को लेकर जिला पंचायत की तैयारियां अंतिम दौर में हैं।
वाईएस रावत, अपर मुख्य अधिकारी, जिला पंचायत रुद्रप्रयाग