केदारनाथ धाम में सभी 46 सरकारी जर्जर भवन गिराए, तीर्थ-पुरोहित सहमत
केदारनाथ में जिला प्रशासन की ओर से चिह्नित किए गए सभी 46 सरकारी भवनों को तोड़ दिया गया है। निजी भवनों को भी तीर्थपुरोहितों की सहमति के बाद गिराया जाएगा। इसके बाद ही मास्टर प्लान के तहत केदारनाथ में निर्माण हो सकेगा।
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ में जिला प्रशासन की ओर से चिह्नित किए गए सभी 46 सरकारी भवनों को तोड़ दिया गया है। निजी भवनों को भी तीर्थपुरोहितों की सहमति के बाद गिराया जाएगा। इसके बाद ही मास्टर प्लान के तहत केदारनाथ में निर्माण हो सकेगा।
केदारनाथ में जिला प्रशासन ने 46 सरकारी जर्जर भवनों को चिह्नित किया गया था, इन्हें नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) के मजदूरों ने तोड़ दिया है। गिराए भवनों का सरिया, पत्थर समेत अन्य सामग्री को संभाल कर रख दिया है। केदारनाथ में ढ़ाई सौ से अधिक भवन निजी हैं। इनमें कई भवन जर्जर स्थिति में है, जबकि कई भवन सुरक्षित खड़े तो हैं पर इन्हें भूगर्भ सर्वे में जर्जर माना गया है।
भवन को हटाने को लेकर कई तीर्थ पुरोहित अपनी सहमति दे चुके हैं,लेकिन अभी कुछ इसका विरोध कर रहे हैं। केदारनाथ में मास्टर प्लान के तहत तभी कार्य हो सकेगा, जब यहां स्थित सभी भवनों को हटाया दिया जाएगा। ऐसे में अभी भवनों को हटाने को लेकर प्रशासन व तीर्थपुरोहितों के बीच बातचीत जारी है। जिलाधिकारी डा. राघव लंगर के अनुसार केदारनाथ में सभी चिह््िनत सरकारी भवनों को गिरा दिया गया है। अब घाट का निर्माण चल रहा है। निजी भवनों को गिराने के संबंध में तीर्थ-पुरोहितों से वार्ता जारी है और अधिकतर तीर्थ-पुरोहित अपने निजी भवनों को गिराए जाने पर सहमत हैं।