काशी विश्वनाथ मंदिर: परखी शिखर की मजबूती
काशी विश्वनाथ मंदिर के अन्य शिखरों को स्वर्ण मंडित करने की संभावनाओं का रविवार को केंद्रीय भवन शोध संस्थान (सीबीआरआइ) की टीम ने आकलन किया। मंदिर के कोने-कोने का नख शिख निरीक्षण किया और उसका इतिहास जाना। दीवारों की वस्तु स्थिति जानने को तकनीकी जांच की आवश्यकता बताई ताकि कोई रास्ता निकाला जा सके। फि
वाराणसी। काशी विश्वनाथ मंदिर के अन्य शिखरों को स्वर्ण मंडित करने की संभावनाओं का रविवार को केंद्रीय भवन शोध संस्थान (सीबीआरआइ) की टीम ने आकलन किया। मंदिर के कोने-कोने का नख शिख निरीक्षण किया और उसका इतिहास जाना। दीवारों की वस्तु स्थिति जानने को तकनीकी जांच की आवश्यकता बताई ताकि कोई रास्ता निकाला जा सके। फिलहाल इस कवायद से बाबा दरबार के सभी शिखरों के स्वर्ण मंडित होने की संभावनाओं को बल मिला है। इसके लिए लंबे समय से मंदिर प्रशासन प्रयास कर रहा है। जिलाधिकारी प्रांजल यादव के नेतृत्व में शाम को टीम मंदिर पहुंची। निरीक्षण परीक्षण के बाद गहन विचार विमर्श किया। इसमें सीबीआरआइ-रुड़की, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ), राज्य पुरातत्व विभाग और बीएचयू के विशेषज्ञों ने तय किया कि पत्थरों की पुरातात्विक जांच से ही उसकी वास्तविक स्थिति और मजबूती स्पष्ट हो पाएगी।
अब होगा डाक्यूमेंटेशन- पुरातत्व सर्वेक्षण की प्रक्रिया के तहत अब क्षरण की लाइन ड्राइंग और डाक्युमेंटेशन किया जाएगा। इसके लिए रुड़की से टेक्निकल असिस्टेंटों की टीम मंदिर आएगी जो सैंपल कलेक्शन करेगी और इस आधार पर मजबूती जांचने के लिए टेस्ट किया जाएगा। इससे ही यह पता चल पाएगा कि पत्थरों का कितना क्षरण हुआ है और उनके संरक्षण के लिए क्या राह निकाली जा सकती है। इसके लिए आवश्यक मैटीरियल का भी आकलन किया जा सकेगा जिसके आधार पर संरक्षण किया जाए। साथ ही लोड आकलन कर शिखरों को स्वर्ण मंडित किया जाए।
यह रही टीम- सीबीआरआइ के संरचना विभाग प्रमुख डा. एके मित्तल, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अपर महानिदेशक डा. बीआर मणि, उपनिदेशक अजय श्रीवास्तव, बीएचयू आइटी के प्रो. वी कुमार, प्रो. मृदुला जायसवाल, क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी डा. सुभाष यादव, पूर्व अधीक्षण अभियंता राकेश राजवंशी। साथ में जिलाधिकारी और मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुशील कुमार, अपर कार्यपालक अधिकारी पीएन द्विवेदी। विशेषज्ञों में एएसआइ रूड़की व बीएचयू के अधिकारी व प्रोफेसर।
काउंटर से गायब कर्मी तलब-काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में प्रवेश करते ही जिलाधिकारी का पारा गरम हो गया। छत्ताद्वार के पास काउंटर खाली था। सुरक्षाकर्मियों ने भी काउंटर हमेशा खाली रहने की शिकायत की। डीएम ने अपर कार्यपालक अधिकारी को फटकार लगाई और कर्मचारी को तत्काल तलब कर लिया। हालांकि कोई कार्रवाई तो नहीं की लेकिन उनके रूख को देखते हुए इस लापरवाही पर दंड के इन्कार नहीं किया जा सकता। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए गेट के पास अतिरिक्त काउंटर इसी वर्ष की शुरुआत पर खोला गया था। इस पर टिकट शुल्क जमा करने और दान आदि की व्यवस्था की गई है।