आज से शुरू हुई जिउतिया पूजा, बुधवार को होगा पारण
संतान की दीर्घआयु की कामना के साथ माताएं मंगलवार को निर्जला जिउतिया व्रत रखेंगी। सोमवार को व्रत से पूर्व उन्होंने नहाय-खाय किया। सोमवार को उन्होंने गंगा के विभिन्न घाटों पर स्नान किया। उसके बाद घरों में खाना बना, जिसे व्रतियों ने ग्रहण किया। गंगाजल से घरों को धोया गया। कई माताओं ने घर में ही स्नान कर शुद्धता व पवित्रता
पटना। संतान की दीर्घआयु की कामना के साथ माताएं मंगलवार को निर्जला जिउतिया व्रत रखेंगी। सोमवार को व्रत से पूर्व उन्होंने नहाय-खाय किया।
सोमवार को उन्होंने गंगा के विभिन्न घाटों पर स्नान किया। उसके बाद घरों में खाना बना, जिसे व्रतियों ने ग्रहण किया। गंगाजल से घरों को धोया गया। कई माताओं ने घर में ही स्नान कर शुद्धता व पवित्रता से भोजन बना ग्रहण किया।
गंगा किनारे जुटीं व्रती -
राजधानी के विभिन्न घाटों पर सुबह से ही स्नान करने महिलाएं पहुंचने लगीं। माताओं के साथ उनके बच्चे भी बड़ी संख्या में गंगा स्नान को पहुंचे। जिन घाटों पर गंगा की धार है, वहां श्रद्धालु पहुंचे।
जीमूतवाहन की होती पूजा-
जानकारों के मुताबिक जिउतिया के दिन राजा जीमूतवाहन की पूजा होती है। नहाय-खाय से व्रत शुरू हो जाता है। मंगलवार को दिनभर माताएं निर्जला उपवास रखकर रात में कथा श्रवण करेंगी। बुधवार की सुबह व्रत का पारण होगा। 16 को मंगलवार रात 11 बजे से पूर्व होगी जिउतिया पूजा, बुधवार को पारण होगा। सोमवार की रात10.34 से ही शुरू हो गई है अष्टमी।
जिउतिया के लिए राजधानी के मंदिरों में विशेष तैयारी की गयी है। ठाकुरबाड़ी में कल सूर्यास्त के बाद राजा जीमूतवाहन की कथा होगी। यहां पूजा की विशेष तैयारी की गई है। जिउतिया का व्रत आश्रि्वन कृष्णपक्ष अष्टमी को होता है। सोमवार रात्रि 10.34 से अष्टमी शुरू हो गया। जो मंगलवार रात 11 बजे समाप्त होगा।
जिउतिया की पूजा मंगलवार को सूर्यास्त के बाद एवं रात 11 बजे से पहले होगी।