जन्माष्टमी: जन्मस्थान पर गोलोकधाम लीला में जीवंत हुआ द्वापर युग
श्रीकृष्ण जन्म स्थान पर बुधवार से श्रीकृष्ण महोत्सव का श्रीगणेश भगवान गणपति के पूजन के साथ हो गया। पहले दिन हुई गोलोकधाम लीला ने श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया। श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के तत्वावधान में श्रीकृष्ण महोत्सव समिति द्वारा आयोजित रासलीलाओं में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म से जुड़ी
मथुरा। श्रीकृष्ण जन्म स्थान पर बुधवार से श्रीकृष्ण महोत्सव का श्रीगणेश भगवान गणपति के पूजन के साथ हो गया। पहले दिन हुई गोलोकधाम लीला ने श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया। श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के तत्वावधान में श्रीकृष्ण महोत्सव समिति द्वारा आयोजित रासलीलाओं में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म से जुड़ी अनेक लीलाओं का प्रदर्शन किया जाएगा। बांके बिहारी और राधारमण मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का आयोजन छह सितंबर को होगा। इस्कॉन और प्रेम मंदिर में आयोजन पांच सितंबर को ही होंगे। यह जानकारी बांके बिहारी मंदिर कमेटी उपाध्यक्ष घनश्याम गोस्वामी व अन्य मंदिर प्रमुखों ने दी है।
बुधवार को देर शाम श्रीहित आश्रम के महंत श्रीहित कमलदास महाराज ने गणेश पूजन किया और घट स्थापना की। इसके बाद शुरू हुई लीलाओं में प्रिया-प्रियतम के गोलोक धाम पर आने की लीला का मंचन किया गया।
कान्हा की नगरी अपने लाला के जन्मोत्सव का हर्ष और उल्लास छाने लगा है। देश-विदेश से भक्त अपने कन्हैया के दर्शन को आ रहे हैं। जन्मोत्सव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, ब्रज की आभा दिव्य होती जा रही है। श्रद्धालुओं का आना शुरू हो चुका है। जन्मोत्सव से पहले वह भगवान के अन्य लीलास्थलों के दर्शन कर अपने को धन्य करने की कामना लेकर आ रहे हैं। वहीं, छोटे-बड़े मंदिरों और घरों में भी जन्मोत्सव की तैयारियां जोरों पर हैं।
भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर वृंदावन में आश्रम, मठ, मंदिरों के साथ घर-घर और शहर को सजाने संवारने की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। बांकेबिहारी मंदिर समेत अनेक मंदिरों में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर जुटने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ के लिए इंतजाम किए जा रहे हैं। बांकेबिहारी मंदिर में मंगला आरती साल में एक बार सिर्फ श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर ही होती है। इस विलक्षण पल के साक्षी बनने को लाखों श्रद्धालु इस दिन बांकेबिहारी मंदिर में रातभर जुटे रहेंगे। प्रेम मंदिर, इस्कॉन मंदिर, राधाबल्लभ, राधा दामोदर,राधा श्यामसुंदर, राधारमण, शाहजी, राधा गोपीनाथ, गोङ्क्षवद देव, मदनमोहन मंदिर में भी उल्लास बिखेरे जाने की तैयारियां आरंभ हो चुकी हैं।