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रंगों की है अपनी परिभाषा, वास्तु, ज्योतिष और चिकित्सकों का नजरिया

रंगों से है रंगों से उमंग। रंगों की दुनिया है और उनकी अपनी कहानी। कोई सुकून देता है तो कोई ऊर्जावान बनाता है। चटख रंग आंखों को भाते हैं, तो कभी हल्के रंग दिल को सुकून देते हैं। कभी कोई रंग जेहन में भरता महसूस होता है, तो कभी कोई रंग जिंदगी में उमंग भरने लगता है।

By Edited By: Published: Sat, 21 Dec 2013 01:04 PM (IST)Updated: Sat, 21 Dec 2013 01:16 PM (IST)
रंगों की है अपनी परिभाषा, वास्तु, ज्योतिष और चिकित्सकों का नजरिया

आगरा। रंगों से है रंगों से उमंग। रंगों की दुनिया है और उनकी अपनी कहानी। कोई सुकून देता है तो कोई ऊर्जावान बनाता है। चटख रंग आंखों को भाते हैं, तो कभी हल्के रंग दिल को सुकून देते हैं। कभी कोई रंग जेहन में भरता महसूस होता है, तो कभी कोई रंग जिंदगी में उमंग भरने लगता है।

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इसीलिए तो कहते हैं कि हर रंग कुछ कहता है। चाहें तो विज्ञान, वास्तु और ज्योतिष के ही चश्मे बदल-बदल कर देख लें।

रोगों से लड़ते इंद्रधनुष के सात रंग-

इंद्रधनुष में कुल सात रंग होते हैं, जिससे सभी रंग बनते हैं। इन्हीं को विबग्योर (वीआइबीजीवाईओआर) रोगों से लड़ने की क्षमता भी देता है। यही वजह है कि बीमारियों में लाभ देने वाले उपकरण और दवाइयों के रंग भी इसी आधार पर प्रयोग किए जाते हैं। किस रंग का क्या होता है असर, जानिए-

वी- (बैंगनी)- एनीमिया को दूर करता है। टीबी की बीमारी को नियंत्रित करने में उपयोगी होता है।

आइ- (आसमानी)- च्वर दूर करने में उपयोगी होता है।

बी- (नीला)- इस रंग में रोगाणु रोधक गुण हैं। जलने से होने वाले कष्ट निवारण, हैजा और लू आदि में भी लाभकारी।

जी- (हरा)- नेत्र च्योति को बढ़ाने में फायदेमंद। आंखों की जलन आदि को दूर करता है।

वाई- (पीला)- शरीर की मृत कोशिकाओं को जीवित करता है। मस्तिष्क, जिगर, तिल्ली आदि को मजबूत करता है।

ओ-(नारंगी)- रक्त संचार को नियमित करने और तंत्र प्रणाली को सही करने में लाभकारी।

आर-(लाल)- दर्द से राहत देने और रक्त संचार को नियमित करने में सहयोगी।

हरा- हरियाली का प्रतीक, आंखों को ठंडक देता है।

नारंगी- आशा और उत्साह का प्रतीक है।

गुलाबी- कोमलता का प्रतीक है।

बैंगनी- यह राजसी रंग कहलाता है।

लाल- प्रेम का प्रतीक माना जाता है।

पीला- ऊष्णता का प्रतीक। भावुकता और संदेह पैदा करता है।

रंगों से व्यक्ति की मनोदशा पर सीधा प्रभाव पड़ता है। रंगों के चयन में पंसद भी निर्भर करती है। किसी को कोई रंग बहुत अच्छा तो किसी को बुरा लगता है।

डॉ. यूसी गर्ग, मनोचिकित्सक

रंगों का जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव होता है। सही रंगों का प्रयोग कर व्यक्तित्व, बल, बुद्धिमत्ता और प्रभाव को निखारा जा सकता है।

लूनकरन जैन, च्योतिर्विद

रंगों से हमारे दिल और दिमाग पर सीधा प्रभाव पड़ता है। घरों में अगर सही रंगों का प्रयोग हो, तो हम ऊर्जावान रह सकते हैं।

अनुजा लांबा, इंटीरियर डिजाइनर

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