यकिन नहीं होता है कि यक्षी एक ऐसी खूबसूरत बला है जो आनंद देने के बाद छीन लेती है सांसें
केरल की प्रचलित लोक कथाओं, कविताओं, स्थानीय नाटकों और कहानियों में यक्षी का जिक्र उपलब्ध है। यह एक पौराणिक चरित्र है जिसपर आज भी वहां के लोग विश्वास करते हैं।
किस्सों-कहानियों में आपने ऐसी रूहों के बारे में जरूर सुना होगा जो अपनी सुंदरता से पुरुषों को लुभाती हैं, उन्हें अपने मोह-बंधन में बांधकर अपना शिकार बना लेती हैं। लेकिन अगर कोई आपसे ये कहे कि ये सब कहानी का हिस्सा ना होकर वास्तविक जीवन का हिस्सा है तो क्या आप हमारी बात पर यकीन कर पाएंगे? यह सवाल आपको हैरान भी कर सकता है और बहुत से लोगों को डरा भी सकता है। रूहों, प्रेत आत्माओं और खूबसूरत डायनों जैसी अवधारणाएं हमेशा से ही हमारे समाज का हिस्सा रही हैं।
कुछ लोग इसपर विश्वास करते हैं तो कुछ इसे टाइम पास का जरिया। लेकिन अगर धरातल की बात की जाए तो कहीं ना कहीं हमारे दिमाग में इन पारलौकिक आत्माओं से जुड़ी जिज्ञासा हमेशा पनपती रही है। आपकी इसी जिज्ञासा को समझते हुए आज हम दक्षिण भारत की लोक कथाओं में वर्णित खूबसूरत लेकिन खतरनाक यक्षी के विषय में बताएंगे जो अपनी खूबसूरती के दम पर किसी को भी आकर्षित करने की क्षमता रखती हैं। परंतु जो उनके आकर्षण से बंध जाता है, उसके सांसें बस कुछ ही पलों की मेहमान रह जाती हैं। दक्षिण भारत के खूबसूरत राज्य केरल के जंगलों में यक्षी को देखे जाने की बात कही जाती रही है। ये जंगल में भटके मुसाफिरों या जंगल पार करने वाले यात्रियों को दिखाई देती हैं। जो उन्हें देखता है वह चाहकर भी उसका पीछा किए बिना नहीं रह सकता।लेकिन यक्षी एक डायन का स्वरूप है, वह बेहद खतरनाक है।
ऐसा माना जाता है जो महिलाएं अप्राकृतिक या अकाल मृत्यु को प्राप्त होती हैं वे यक्षी का रूप धारण करती हैं।अपनी शारीरिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए यक्षी भटके हुए पुरुष मुसाफिरों को अपने मोह बंधन से बांधती है और संभोग के पश्चात उनके प्राण छीन लेती है।यक्षी की अवधारणा को नजदीक से जानने वाले लोग कहते हैं कि जिन पुरुषों को यक्षी अपना शिकार बनाना चाहती है, वह सबसे पहले उनसे सुपारी और नींबू की मांग करती है। यह इस बात का संकेत है कि यक्षी आपके मस्तिष्क को अपने नियंत्रण में कर रही है।यक्षी को काबू करना किसी के वश में नहीं। लोहे की छड़ एकमात्र ऐसी चीज है जिससे यक्षी दूर रहती है। बड़े से बड़ा तांत्रिक या ओझा भी यक्षी को अपने नियंत्रण में नहीं कर पाया।
केरल की प्रचलित लोक कथाओं, कविताओं, स्थानीय नाटकों और कहानियों में यक्षी का जिक्र उपलब्ध है। यह एक पौराणिक चरित्र है जिसपर आज भी वहां के लोग विश्वास करते हैं।