प्रभु राम की बरात में संतजन बराती
मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की पंचमी तद्नुसार श्रीराम विवाह पंचमी पर काशी झूम कर नाची। सियावर राम की जयकार लगाई। शोभायात्र निकाली और संत-महंत समेत काशीवासी बराती बने। कन्या पक्ष की ओर से भी विवाह की रस्में निभाईं।रामजानकी मठ अस्सी से निकली बरात में फूलों से सजी पालकी में दूल्हा बने
वाराणसी। मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की पंचमी तद्नुसार श्रीराम विवाह पंचमी पर काशी झूम कर नाची। सियावर राम की जयकार लगाई। शोभायात्र निकाली और संत-महंत समेत काशीवासी बराती बने। कन्या पक्ष की ओर से भी विवाह की रस्में निभाईं। 1रामजानकी मठ अस्सी से निकली बरात में फूलों से सजी पालकी में दूल्हा बने भगवान राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न स्वरूप विराजे। हाथी-घोड़ा, बग्घी व रथों पर संतों ने शोभा बढ़ाई।
महिलाओं ने मंगल गीत गाया तो पुरुषों ने जयघोष किया। महंत राजकुमार दास के सानिध्य में बरात लंका, संकटमोचन, मानस मंदिर, दुर्गाकुंड, रवींद्रपुरी होते पुन: मंदिर पहुंची। बरात में महामंडलेश्वर संतोष दास महाराज सतुआ बाबा, महंत बालक दास, सर्वेश्वर शरण महाराज समेत भक्तजन थे। मठ प्रभारी रामलोचन दास ने बताया कि शुक्रवार को शाम छह बजे से राम कलेवा की रस्म होगी।
आत्मा और परमात्मा का मिलन- श्रीराम मंदिर खोजवा में तीन दिनी श्रीराम विवाह महोत्सव के तीसरे दिन गुरुवार को गाजे बाजे की धुन पर शोभायात्रा निकली। दूल्हे से सजे श्रीराम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न चारों भाई घोड़े पर सवार हुए। मंदिर में विराजित राम लक्ष्मण के उत्सव विग्रहों की रथ पर झांकी सजी। पीठाधीश्वर आचार्य डा. रामकमलदास वेदांती व पुरुषोत्तम महाराज के नेतृत्व संतजनों के सानिध्य में शोभायात्रा आगे बढ़ी। कश्मीरीगंज, नवाब गंज गुरुधाम होते बरात पुन: मंदिर आई। महंत वेदांती जी महाराज ने प्रवचन में कहा कि सीता हमारी आत्मा की प्रतीक है तो श्रीराम परमात्मा हैं। सीताराम भवन जलालीपुरा से भी रामबरात निकाली गई। संकट मोचन मंदिर में गूंजी चौपाइयां - राम विवाह पंचमी पर संकट मोचन मंदिर रामचरित मानस की चौपाइयों से गूंज उठा। महंत प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र ने पोथी व व्यास गद्दी पूजन किया। आचार्य पं. राधाकांत ओझा के आचार्यत्व में 108 भूदेवों ने नवाह्न पारायण पाठ किया। शाम को मानस सम्मेलन में संजय त्रिपाठी समेत आचार्यो ने राम विवाहोत्सव की महत्ता पर प्रकाश डाला।
इस दौरान कथा मर्मज्ञ मुरारी बापू ने शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। श्रीनिवास पाठक, अभिषेक पाठक, राघवेंद्र पांडेय व रामकृष्ण त्रिपाठी ने भी विचार व्यक्त किए। संचालन नंदलाल उपाध्याय व धन्यवाद रामयश मिश्र ने किया।