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पि‍तृ व‍िसर्जन में अमावस्‍या पर न‍िकाले स‍िर्फ 5 अंश, खुश होकर जांएगे प‍ितर

अश्‍व‍िन की कृष्‍ण पक्ष की अमावस्‍या को प‍ितर वि‍दा होते हैं। ऐसे में अगर इस दि‍न उनके ल‍िए ज्‍यादा कुछ नहीं कर पा रहे हैं तो भोजन में 5 अंश न‍िकालने से भी वे खुश हो जाते हैं...

By shweta.mishraEdited By: Published: Mon, 18 Sep 2017 04:26 PM (IST)Updated: Mon, 18 Sep 2017 04:42 PM (IST)
पि‍तृ व‍िसर्जन में अमावस्‍या पर न‍िकाले स‍िर्फ 5 अंश, खुश होकर जांएगे प‍ितर
पि‍तृ व‍िसर्जन में अमावस्‍या पर न‍िकाले स‍िर्फ 5 अंश, खुश होकर जांएगे प‍ितर

देवता: 

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इस द‍िन भोजन के पांच अंशो में एक अंश देवता का न‍िकाला जाता है। वहीं चार अंश पशु पक्षियों के होते हैं। मान्‍यता है क‍ि इनके माध्यम से प‍ितर भोजन ग्रहण करने आते हैं। 

गाय: 

भोजन का दूसरा अंश गाय का होता है। गाय को पृथ्वी तत्व का प्रतीक मानते हैं। गाय का अंश न‍िकालने के साथ ही उसकी सेवा करने से भी प‍ितर तृप्‍त होते हैं। परेशानि‍यां दूरी होती है। 

कुत्‍ता: 

इसमें तीसरा अंश कुत्‍ते का होता है। कुत्ता जल तत्त्व का प्रतीक माना जाता है। इसल‍िए इस द‍िन एक पत्ते पर भोजन में बने खास व्‍यंजन न‍िकालकर रखने से प‍ितर खुश होकर लौटते हैं। 

कौआ: 

भोजन का चौथा अंश कौए का होता है, क्‍योंक‍ि कौवा वायु तत्व का प्रतीक माना जाता है। कौए का अंश छत पर क‍िसी कोने में जमीन पर रखते हैं। प‍ितर संतानों को आशीर्वाद देते हैं।

चीटी: 

पांचवा अंश चीटी का न‍िकाला जाता है। चींटी अग्नि तत्व का प्रतीक मानी जाती है। इसल‍िए अमावस्‍या के द‍िन चीटि‍यों को भी भोजन न‍िकालना जरूरी होता है। इससे भी प‍ितर तृप्‍त होते हैं।   


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