इस वर्ष एक सेकेंड लंबा होगा जून
इस वर्ष जून महीना पलक झपकने भर के लिए लंबा रहेगा। महीने की आखिरी तारीख यानी 30 जून को यदि आपका जन्मदिन पड़ रहा है तो उस अवसर का उत्सव एक सेकेंड लंबा रहेगा।1पेरिस वेधशाला ने घड़ी में एक लीप सेकेंड और जोड़ने की घोषणा की है। विशेषज्ञ ने कहा
लंदन। इस वर्ष जून महीना पलक झपकने भर के लिए लंबा रहेगा। महीने की आखिरी तारीख यानी 30 जून को यदि आपका जन्मदिन पड़ रहा है तो उस अवसर का उत्सव एक सेकेंड लंबा रहेगा।1पेरिस वेधशाला ने घड़ी में एक लीप सेकेंड और जोड़ने की घोषणा की है। विशेषज्ञ ने कहा कि 30 जून को परमाणु घड़ी के डायल पर रात में 11:59:60 बजने के बाद यानी एक सेकेंड बाद 12 बजेगा जाएगा। आम दिनों में घड़ी पर 11:59 के बाद 60वें सेकेंड में ही 12 बज जाता है और तारीख बदल जाती है। धरती के घूर्णन का एटामिक टाइम से तालमेल बनाने के लिए यह काम किया जा रहा है।
एटामिक यानी परमाणु समय स्थिर है, लेकिन धरती की घूर्णन गति रोजाना एक सेकेंड के दो हजारवां भाग धीमी होती जा रही है। फ्रांस में स्थित अंतरराष्ट्रीय धरती घूर्णन सेवा के वैज्ञानिक धरती के घूर्णन की निगरानी करते हैं और जब भी जरूरी होता है समय में सुधार करते हैं। समय में बदलाव के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याओं से निपटने के लिए साफ्टवेयर कंपनियों ने उपाय कर लिया है। 2012 में जब आखिरी लीप सेकेंड जोड़ा गया था तब कई कंपनियों ने क्रैश होने की जानकारी दी थी। इतना ही नहीं जावा में लिखे प्रोग्रैम्स के साथ भी समस्याएं उठ खड़ी हुई थी। अमेरिकी नौसेना वेधशाला के धरती अनुकूलन पैरामीटर के प्रमुख निक स्टैमैटाकोस ने कहा कि धरती की गति हल्की धीमी पड़ रही है।
1630 को घड़ी में किया जाएगा बदलाव
पेरिस वेधशाला ने समय बदलने की घोषणा की पहली बार 1972 में लीप सेकेंड में बदलाव करते हुए घड़ी के समय को बढ़ाया गया था। इस वर्ष जून में घड़ी का समय 26वीं बार बदला जाएगा।1पहली बार कब हुआ था बदलाव1क्या है लीप सेकेंड में बदलाव1लीप सेकेंड में बदलाव का मतलब है कि 30 जून को रात 11:59:59 बजे के बाद परमाणु घड़ी पर 11:59:60 भी बजाया जाएगा और उसके बाद 12 बजेगा और तारीख बदलेगी। एक सेकेंड समय अधिक किए जाने से उस दिन का पूरा समय 86,400 की जगह 86,401 सेकेंड का होगा।