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अर्द्धकुंभ के तीसरे स्नान वसंत पंचमी में हरिद्वार में श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

अर्द्धकुंभ के तीसरे स्नान वसंत पंचमी पर्व पर श्रद्धालुओं ने तड़के से ही मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया। सुबह श्रद्धालुओं की संख्या अपेक्षाकृत हरकी पैड़ी पर पर कम ही रही।

By BhanuEdited By: Published: Fri, 12 Feb 2016 09:13 AM (IST)Updated: Fri, 12 Feb 2016 07:29 PM (IST)
अर्द्धकुंभ के तीसरे स्नान वसंत पंचमी में हरिद्वार में श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

हरिद्वार। अर्द्धकुंभ के तीसरे स्नान वसंत पंचमी पर्व पर श्रद्धालुओं ने आज तड़के से ही मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया। सुबह श्रद्धालुओं की संख्या अपेक्षाकृत हरकी पैड़ी पर पर कम ही रही।
भौर होते ही हरकी पैड़ी सहित अन्य गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं ने डुबकी लगानी शुरू कर दी थी। भीड़ कम होने से श्रद्धालुओं को ब्रह्मकुंड पर डुबकी लगाने का पूरा मौका मिला।
हरिद्वार में हरकी पैड़ी समेत सभी गंगा घाटों पर सुबह से ही स्नान शुरू हो गया। स्नान के उपरांत श्रद्धालुओं ने भास्कर देवता को जल अर्पित कर सुख समृद्धि की कामना की। स्नान करने के बाद श्रद्धालुओ ने गंगा तटों पर दान भी किया। साथ ही मुंडन संस्कार, जनेऊ संस्कार समेत अन्य कर्मकांड भी कराए।

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पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था चाकचौबंद रही। मेला स्नान पर्व को सकुशल संपन्न कराने के लिए बम निरोधक दस्ता, डॉग स्क्वायड सहित एटीएस की टीम हरकी पैड़ी पर समय-समय पर चेकिंग करती रही। मेला आईजी जीएस मर्तोलिया और एसएसपी सेंथिल अबुदेइ कृष्ण राज एस ने हरकी पौड़ी का निरीक्षण कर व्यवस्थाओ का जायजा लिया। वहीं ऋषिकेश, देवप्रयाग उत्तरकाशी आदि स्थानों पर भी सुबह से ही स्नान शुरू हो गया।
पंचतत्व का सुहावना रूप है वसंत
ज्योतिषाचार्य पंडित शक्तिधर शास्त्री ने बताया कि हिन्दू तिथि के अनुसार वसंत पंचमी का अर्थ है शुक्ल पक्ष का वह पांचवां दिन जो माघ के महीने में मनाया जाता है। वसंत को ऋतुओं का राजा अर्थात सर्वश्रेष्ठ ऋतु भी माना गया है। इस समय पंचतत्व अपना प्रकोप छोड़कर सुहावने रूप में प्रकट होते हैं। पंचतत्व में शामिल जल, वायु, धरती, आकाश और अग्नि सभी अपना मोहक रूप दिखाते हैं।
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