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वृद्ध-विधवाएं थिरकती रहीं होली के गीतों पर

ढोल और मृदंग की थाप ओर मजीरे की मधुर खन-खन के बीच जुबां से होली के गीत निकलते रहे। एक-दूसरे को रंग और अबीर-गुलाल से रंगने में न उम्र का बंधन न किसी तरह का संकोच। यह नजारा बुधवार को मीरा सहभागिनी आश्रय सदन का था। यहां रहने वाली वृद्ध

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 05 Mar 2015 11:52 AM (IST)Updated: Thu, 05 Mar 2015 11:59 AM (IST)
वृद्ध-विधवाएं थिरकती रहीं होली के गीतों पर

मथुरा (वृंदावन)। ढोल और मृदंग की थाप ओर मजीरे की मधुर खन-खन के बीच जुबां से होली के गीत निकलते रहे। एक-दूसरे को रंग और अबीर-गुलाल से रंगने में न उम्र का बंधन न किसी तरह का संकोच। यह नजारा बुधवार को मीरा सहभागिनी आश्रय सदन का था। यहां रहने वाली वृद्ध और विधवा महिलाओं ने बुधवार को भी जमकर होली खेली।

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वैसे तो यहां होली की शुरूआत मंगलवार को ही हो गई थी, लेकिन दूसरे दिन भी होली का धमाल कुछ कम नहीं था। 'होरी में मचाय रहयौ धमाल नंद कौ छोरा..Ó जैसे एक के बाद एक गीतों पर अबीर-गुलाल की बरसात एक घंटे से अधिक समय तक होती रही। बुधवार को केवल ज्ञानगुदड़ी क्षेत्र के रासबिहारी सदन और लीलाकुंज सदन में रहने वाली महिलाओं ने ही होली खेली। होली व भक्तिगीतों पर विधवा-वृद्धाएं खुद को थिरकने से नहीं रोक पा रही थीं। पहले फूलों की फिर अबीर-गुलाल की होली हुई।

वृंदावन में भूतगली स्थित मीरा सहभागिनी महिला आश्रय सदन में बुधवार को दूसरे दिन भी वृद्ध और विधावओं ने होली गीत गाकर जमकर अबीर-गुलाल उड़ाया।


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