आज निकलेगी भगवान ओंकारेश्वर की सवारी
सावन के पहले सोमवार को भगवान ओंकारेश्वर और ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग की सवारी नगर भ्रमण के लिए निकलेगी। इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए ओंकारेश्वर
ओंकारेश्वर। सावन के पहले सोमवार को भगवान ओंकारेश्वर और ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग की सवारी नगर भ्रमण के लिए निकलेगी। इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए ओंकारेश्वर में बड़ी संख्या में श्रद्घालु पहुंचेंगे। शाम को दोनों सवारियां मंदिरों से निकाली जाकर इन्हें नर्मदा में नौका विहार भी कराया जाएगा। इस दौरान भक्तों द्वारा पुष्प वर्षा की जाएगी। उत्सव की तैयारियों को लेकर रविवार को नर्मदा घाटी विकास विभाग के विश्राम गृह में बैठक हुई। इस बैठक में जनप्रतिनिधि भी शामिल हुए।
भगवान ओंकारेश्वर और ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग की सवारी सोमवार को मंदिर में पूजा-अभिषेक व आरती के बाद धूमधाम से निकलेगी। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के पट खुलने से पहले ही मंदिर के कर्मचारियों, पंडित पुजारियों द्वारा मंदिर में फूलों से शिवलिंग का श्रंगार किया जाएगा। ब्रह्ममुहूर्त में मंदिर के पट श्रद्घालुओं के लिए दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। इस मौके पर गर्भगृह में भी श्रंगार होगा। शाम 4 बजे ओंकारेश्वर भगवान की सवारी आदिशंकराचार्य की गुफा के सामने से होती हुई मंदिर के कोटितीर्थ घाट पर पहुंचेगी। शाम 5 बजे कोटितीर्थ घाट पर पंचमुखी रजत प्रतिमा को नर्मदा जल से ओंकारेश्वर मंदिर के पुजारियों द्वारा स्नान कराया जाएगा। इसके बाद राजराजेश्वर दीक्षित के आचार्यत्व में पंडितों द्वारा महाआरती, रूद्र-अभिषेक किया जाएगा। भोलेनाथ को दूध-दही, शहद, मिश्री, भांग, भस्म चढ़ाई जाएगी। अनुष्ठान पूरे होने के बाद भगवान की पालकी में विराजमान होकर नौका विहार करेंगे। नर्मदा नदी में होगा मिलन ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान की सवारी मंदिर से साढ़े चार बजे निकलेगी। निर्वाणी घाट पर ममलेश्वर मंदिर के पुजारी जगदीश उपाध्याय, पं.श्रीकांत जोशी व अन्य पुजारियों द्वारा भगवान ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग का अभिषेक किया जाएगा। इसके बाद सवारी को नौका विहार कराया जाएगा। नर्मदा नदी में दोनों ही सवारियों को नौका विहार कराते समय नाविकों द्वारा पांच नावों से मुख्य मंदिर के ठीक सामने नर्मदा के जल में परिक्रमा कराई जाएगी। उसी समय नर्मदा तट व दोनों पुलों पर मौजूद भक्तों द्वारा भगवान की सवारियों पर पुष्पवर्षा की जाएगी। होगी शयन आरती दोनों सवारियां शाम साढ़े पांच बजे महानिर्वाणी घाट पहुंचेंगी। विष्णु मंदिर के सामने से होती हुई मुख्य बाजार से सवारियां जेपी चौक पहुंचेगी। यहां से भगवान ओंकारेश्वर की सवारी पुराने झूला पुल से शिवपुरी मुख्य बाजार होते हुए रात 8.30 बजे मंदिर पहुंचेगी। मंदिर में पं.डंकेश्वर दीक्षित द्वारा शयन आरती की जाएगी। इसी तरह जेपी चौक से भगवान ममलेश्वर की सवारी लौटकर गौमुखघाट जूना अखाड़े के सामने से होते हुए रात 9 बजे मंदिर पहुंचेगी। मंदिर में शयनकाल आरती की जाएगी। 10 हजार कावड़िए चढ़ाएंगे जल शनिवार को माहेश्वर से विधायक राजकुमार मेव के नेतृत्व में निकले 10 हजार कावड़िए सोमवार को ओंकारेश्वर पहुंचकर नर्मदा स्नान करेंगे। इसके बाद भगवान ममलेश्वर और ओंकारेश्वर को जल अर्पित करेंगे। सावन माह के पहले सोमवार को ही बड़ी संख्या में ओंकारेश्वर से नर्मदा का जल भरकर कई कावड़िए उज्जैन के लिए रवाना होंगे। श्रद्घालुओं के लिए व्यवस्थाएं जुटाने के निर्देश पर्व को लेकर नर्मदा घाटी विकास विभाग के विश्राम गृह में रविवार को प्रशासनिक बैठक हुई। नगर परिषद अध्यक्ष मायाबाई चौहान की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में ओंकारेश्वर तहसीलदार मुकेश काशिव, सीएमओ धीरेंद्रसिंह सिकरवार, थाना प्रभारी जगदीश भास्कर सहित नगर के गणमान्यजन भी शामिल हुए। इस दौरान सावन के पहले सोमवार को आने वाले ओंकारेश्वर में आने वाले श्रद्घालुओं के लिए व्यवस्थाएं जुटाने सहित सुरक्षा के इंतजामों पर भी चर्चा हुई। तहसीलदार श्री काशिव ने मंदिर ट्रस्ट को निर्देशित किया कि सवारी निकलने के दौरान प्रतिवर्ष की तरह 200 बोरी गुलाल ना उड़ाते हुए 20 बोरी गुलाल का उपयोग किया जाए।
इसके निर्देश सहायक कार्यपालन अधिकारी अशोक महाजन को दिए। वहीं नगर पंचायत सीएमओ श्री सिकरवार को निर्देशित किया गया है कि वे नगर में पेयजल, विद्युत व सफाई की व्यवस्था दुरुस्त रखें। नगर पंचायत अध्यक्ष ने बैठक में आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि पूरे नगर में अवैध पार्किंग की शिकायतें आ रही हैं। इस पर रोक लगाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि विगत एक माह पूर्व कलेक्टर ने पुराने बस स्टैंड के बैरियर को बंद करने के निर्देश दिए थे उसके बाद भी आदेशों का पालन नहीं किया गया। सावन माह में भीड़ का दबाव रहेगा। ऐसे में बड़ा हादसा हो सकता है। ब्रह्मपुरी क्षेत्र में चल रही अवैध पार्किंग को बंद कराने के निर्देश भी नगर पंचायत को दिए।