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भगवान शिव की बारात में नाचे भूत-प्रेत

श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर भगवान शिव की बरात में भूत-प्रेत नाचे। भगवान शिव की जय-जयकार से श्रीकृष्ण जन्मस्थान गूंज उठा। श्री रामलीला के तत्वावधान में आयोजित रामलीला महोत्सव में श्रीकृष्ण जन्मस्थान लीला मंच पर शिव-पार्वती विवाह का मनोहारी मंचन देख हर कोई भाव विभोर हो गया। नारद माता पार्वती के पिता हिमाचल के यहां पहुंचते हैं। हिमाचल

By Edited By: Published: Sat, 20 Sep 2014 12:15 PM (IST)Updated: Sat, 20 Sep 2014 12:27 PM (IST)
भगवान शिव की बारात में नाचे भूत-प्रेत

मथुरा। श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर भगवान शिव की बरात में भूत-प्रेत नाचे। भगवान शिव की जय-जयकार से श्रीकृष्ण जन्मस्थान गूंज उठा। श्री रामलीला के तत्वावधान में आयोजित रामलीला महोत्सव में श्रीकृष्ण जन्मस्थान लीला मंच पर शिव-पार्वती विवाह का मनोहारी मंचन देख हर कोई भाव विभोर हो गया।

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नारद माता पार्वती के पिता हिमाचल के यहां पहुंचते हैं। हिमाचल पुत्री पार्वती की हस्तरेखा दिखाकर भविष्य बताने की प्रार्थना की। नारदजी ने कहा कि इसका विवाह भूतभावन भगवान शिव से होगा। पार्वती के तप करने पर ब्रह्मा जी ने शंकर को उनके वर के रूप में प्राप्त होने का वर प्रदान किया । भगवान नारायण ने प्रकट होकर उनसे पार्वती से विवाह करने की प्रार्थना की ।भगवान शंकर ने सप्तऋषियों को पार्वतीजी की मनोइच्छा जानने को भेजा। ऋषियों द्वारा शिव की बुराई करने पर भी पार्वतीजी ने कहा कि भगवान शंकर ही मेरे स्वामी हैं। कामदेव को भस्म करने की लीला का मंचन भी होता है। विष्णु, ब्रह्मा, इंद्र आदि देवताओं के अनुरोध पर शंकरजी दूल्हा का वेश धारण कर दिगपाल, भूत, प्रेत, पिषाच, व देवताओं के साथ बरात लेकर राजा हिमाचल के यहां पहुंचते हैं। बैंड बाजों के मध्य शिव बरात निकाली गई। माता मैना वर व बरातियों का रूप देख कर भयभीत हो जाती हैं।

पुत्री पार्वती द्वारा धैर्य धारण कराने पर वर का स्वागत करती हैं ।

लीला में आज-शनिवार को सायं 7 बजे श्री कृष्ण जन्मस्थान रंगमंच पर नारद मोह तथा रावण जन्म की लीला होगी ।

छप्पन भोग में होगी भव्य सजावट- रामलीला में 21 सितंबर को जन्म लीला और छप्पन भोग दर्शन में फूलों और जरी की भव्य सजावट इस बार की जाएगी। संयोजक विवेक मित्तल और व्यवस्थापक बृज बिहारी गुडेरा वाले, छप्पन भोग मंत्री ताराचन्द दुबे ने कहा कि इस वर्ष राम जन्म महोत्सव व छप्पन भोग के दर्शन अत्यन्त ही भव्य व अलौकिक होंगे। सुदामा कुटी वृन्दावन के महंत सुतीक्षण दास महाराज के द्वारा प्रभु को भोग लगाया जायेगा।


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