गंगोत्री-यमुनोत्री में होटल मई तक पैक
21 अप्रैल से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा के दौरान आने वाले यात्रियों ने गंगोत्री- यमुनोत्री में मई तक के लिए जीएमवएन के अधिकांश होटल बुक कर दिए हैं। गंगोत्री और यमुनोत्री यात्रा रूट पर गढ़वाल मंडल विकास निगम के 17 गेस्ट हाउस है।
उत्तरकाशी। 21 अप्रैल से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा के दौरान आने वाले यात्रियों ने गंगोत्री- यमुनोत्री में मई तक के लिए जीएमवएन के अधिकांश होटल बुक कर दिए हैं। गंगोत्री और यमुनोत्री यात्रा रूट पर गढ़वाल मंडल विकास निगम के 17 गेस्ट हाउस है।
जीएमवीएन को ज्यादातर गेस्ट हाउस दो जून तक के लिए एडवांस बुक हो चुके हैं। 'रनिंग टूरिस्टÓ के जगह उपलब्ध होने की उम्मीदें अभी भी बाकी है। तो वहीं निजी होटलों में भी मई आखिरी सप्ताह तक एडवांस बुकिंग आ चुकी है। उत्तरकाशी, बड़कोट, हर्षिल, बाडिया, धराली, गंगोत्री में मई आखिर तक के लिए सभी होटल बुक हैं तो अन्य यात्रा पड़ावों पर भी कई होटलों को एडवांस बुकिंग मिली है।
गंगोत्री यात्रा मार्ग पर चिन्यालीसौड़ से लेकर गंगोत्री तक 300 से भी ज्यादा होटल हैं तो यमुनोत्री मार्ग पर डामटा से लेकर जानकीचट्टी तक भी इतने ही संख्या में होटल हैं। ज्यादातर बुकिंग इस बार ग्रुप टूर की ना होकर फैमिली टूर की है। होटल व्यवसायियों की माने तो इस बार पहले की तरह ग्रुप टूर को लेकर कोई एडवांस बुकिंग नहीं आई है।
अभी तक भी नहीं बन पाया एक्शन प्लान-
चिकित्सकों की कमी से जूझ रही राज्य सरकार की उम्मीदें अब केंद्र सरकार व उप्र पर टिकी है। स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को पत्र भेजा है। जिसमें राज्य में चिकित्सकों की कमी का हवाला दिया है। स्वास्थ्य मंत्री ने मांग की है कि यात्रा सीजन में हर माह न्यूनतम तीस चिकित्सकों की जरूरत है। इसके अलावा तीस सचल चिकित्सा वाहनों की भी मांग की गई है। वहीं यूपी सरकार को भेजे गए पत्र में गेस्ट डॉक्टर योजना का जिक्र है। योजना के तहत यदि कोई चिकित्सक यात्रा के दौरान उत्तराखंड आता है तो प्रदेश सरकार उसके रहने, खाने की पूरी व्यवस्था करती है।
स्वास्थ्य विभाग की सुस्ती-
चारधाम यात्रा नजदीक है, फिर भी स्वास्थ्य विभाग की सुस्ती नहीं टूट रही। यात्रा को लेकर अभी एक्शन प्लान तक तैयार नहीं है। न यात्रा रूट पर मेडिकल रिलीफ पोस्ट (एमआरपी) बनी और न डॉक्टरों का ड्यूटी रोस्टर ही तैयार हुआ। चारधाम यात्रा को लेकर सरकार दावे चाहे जितने करे, पर धरातल पर सच्चाई दिखाई दे जाती है। स्वास्थ्य विभाग का ही उदाहरण लीजिए। दावा यह कि व्यवस्था चाकचौबंद है, पर तैयारियां आधी-अधूरी। चारधाम को लेकर स्वास्थ्य महकमे की सेहत खुद नासाज है। स्थिति यह कि अभी तक भी एक्शन प्लान तैयार नहीं हुआ। एक्शन प्लान में चिकित्सकों व फार्मेसिस्ट की तैनाती के साथ ही बेस कैंप और मेडिकल रिलीफ पोस्ट पर मुहर लगनी है। स्थिति यह कि एमआरपी बने ही नहीं। इसके अलावा किस चिकित्सक को कहां ड्यूटी पर भेजा जाएगा, यह भी अभी तय नहीं है। जबकि, महकमा जानता है कि चारधाम यात्रा किसी चुनौती से कम नहीं। उस पर राज्य में चिकित्सकों की कमी किसी से छिपी नहीं है। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. जीएस जोशी का कहना है कि तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।