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गंगोत्री व यमुनोत्री राजमार्गों समेत कई संपर्क मार्ग भी अवरुद्ध

मौसम के करवट बदलने के साथ ही उत्तराखंड में ठंडक ने फिर से बसेरा कर लिया। चारधाम समेत हिमालयी क्षेत्र की चोटियां बुधवार को बर्फ से लकदक हो गई, जबकि निचले इलाकों में दिनभर ही रुक-रुककर वर्षा का क्रम चलता रहा। नतीजतन ठंडक बढऩे के साथ ही जनजीवन प्रभावित रहा।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 26 Feb 2015 01:30 PM (IST)Updated: Thu, 26 Feb 2015 01:32 PM (IST)
गंगोत्री व यमुनोत्री राजमार्गों समेत कई संपर्क मार्ग भी अवरुद्ध

देहरादून। मौसम के करवट बदलने के साथ ही उत्तराखंड में ठंडक ने फिर से बसेरा कर लिया। चारधाम समेत हिमालयी क्षेत्र की चोटियां बुधवार को बर्फ से लकदक हो गई, जबकि निचले इलाकों में दिनभर ही रुक-रुककर वर्षा का क्रम चलता रहा। नतीजतन ठंडक बढऩे के साथ ही जनजीवन प्रभावित रहा।

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केदारनाथ धाम में करीब डेढ़ फुट तक बर्फबारी के चलते पुनर्निर्माण कार्य ठप रहा। इसके अलावा गंगोत्री व यमुनोत्री राजमार्गों समेत कई संपर्क मार्ग अवरुद्ध हो गए। उधर, मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि गुरुवार सुबह तक कुछ क्षेत्रों में भारी वर्षा व बर्फबारी हो सकते हैं। 2500 से 3000 मी. की ऊंचाई वाले स्थानों में एक से पांच सेमी और 3500 मीटर से ज्यादा ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पांच से 15 सेमी बर्फ गिरने की संभावना है। यही नहीं, राज्य में अनेक स्थानों में हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी के आसार हैं। वहीं, मुख्यमंत्री हरीश रावत ने खराब मौसम को देखते हुए उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़ व रुद्रप्रयाग के पर्वतीय इलाकों में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश जिलाधिकारियों को दिए हैं।

दो दिन पहले तक मौसम बेहद खुशनुमा था। इस बीच मौसम ने करवट बदली और मंगलवार से उत्तराखंड में उमडऩे लगे बदरा। बादलों ने बुधवार को जहां चोटियों को बर्फ से ढक दिया, वहीं निचले इलाकों को भिगो डाला। गढ़वाल मंडल में चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री के साथ ही हर्षिल, द्यारा, डोडीताल, रैथल, बार्सू, औली, हेमकुंड, औली, गोरसों, रुद्रनाथ, तुंगनाथ, मदमहेश्वर समेत कई चोटियों पर जोरदार बर्फबारी हुई। कुमाऊं मंडल में पिथौरागढ़ की चोटियों के साथ ही उच्च हिमालयी क्षेत्र में जोरदार बर्फबारी की सूचना है। राज्य के लगभग सभी इलाकों में बारिश हुई। कहीं झमाझम बौछारें तो कहीं हल्की बारिश और कहीं बूंदाबांदी।

बर्फबारी व बारिश से जनजीवन पर असर पड़ा है। केदारनाथ में बर्फबारी से पुनर्निर्माण कार्य बुधवार को ठप रहे। वहीं गंगोत्री राजमार्ग गंगनानी के पास भूस्खलन के कारण अवरुद्ध हो गया, जबकि यमुनोत्री राजमार्ग भी बंद हो गया है। इसके अलावा कुछ संपर्क मार्ग भी बाधित हो गए हैं। यही नहीं, बर्फबारी-बारिश के कारण ठंडक बढ़ गई है और बुधवार को लोग घरों में दुबके रहने को मजबूर रहे। आसमान में अभी बादल बने हुए हैं और इनके बरसने के भी आसार हैं।

भारी वर्षा-बर्फबारी की चेतावनी -

राज्य मौसम केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ के चलते उमड़े बादल गुरुवार को भी बरसेंगे। विभाग के मुताबिक उत्तरकाशी व देहरादून के पर्वतीय इलाकों के साथ ही टिहरी, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों में अपेक्षाकृत भारी वर्षा व बर्फबारी और चमोली व रूद्रप्रयाग जिलों में गुरुवार सुबह तक भारी वर्षा/बर्फ पडऩे की संभावना है। कहीं-कहीं ओलावृष्टि भी हो सकती है। यही नहीं, सूबे के अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है।

आपदा प्रबंधन इकाइयां, पुलिस-प्रशासन अलर्ट पर -

भारी वर्षा और बर्फबारी को देखते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मुख्य सचिव और आपदा प्रबंधन सचिव को निर्देश दिए हैं कि वे जिलाधिकारियों से समन्वय बनाए रखने को कहा है। साथ ही जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि जनपदीय आपदा प्रबंध इकाइयों व पुलिस प्रशासन को अलर्ट पर रखा जाए। जहां कहीं मौसम के कारण मार्ग अवरुद्ध हों, उन्हें त्वरित गति से खोलने को कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव व आपदा प्रबंधन सचिव को यह भी निर्देशित किया है कि मौसम विभाग से मिलने सूचनाओं को गंभीरता से लिया जाए।


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