'गंगा-यमुना' में उम्मीदों की बयार, बदरी-केदार तैयार
कपाट खुलने के दूसरे दिन बुधवार को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा निर्बाध रूप से चली। यमुनोत्री धाम में 932 व गंगोत्री धाम में 850 तीर्थयात्री दर्शनों को पहुंचे। गंगोत्री हाईवे के कुछ हिस्सों को छोड़ दें तो दोनों धाम में प्रशासन की ओर से अधिकांश सुविधाएं दुरुस्त नजर आ
उत्तरकाशी/बड़कोट। कपाट खुलने के दूसरे दिन बुधवार को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा
निर्बाध रूप से चली। यमुनोत्री धाम में 932 व गंगोत्री धाम में 850 तीर्थयात्री दर्शनों को पहुंचे। गंगोत्री हाईवे के कुछ हिस्सों को छोड़ दें तो दोनों धाम में प्रशासन की ओर से अधिकांश सुविधाएं दुरुस्त नजर आ रही हैं।
अधिकांश यात्रा पड़ावों पर भी पूरे दिन चहल-पहल बनी रही। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम यात्रियों की आमद से गुलजार होने लगा है। दोनों धाम गंगा व यमुना के जैकारों से गूंजते रहे। यमुनोत्री धाम में कपाटोद्घाटन के दिन पहुंचे विभिन्न प्रांतों के यात्रियों ने गंगोत्री का रुख किया, जबकि गंगोत्री में मौजूद अनेक यात्री यहां से केदारनाथ की ओर रवाना हुए, जहां 24 अप्रैल से यात्रा का शुभारंभ होगा। यमुनोत्री धाम में बुधवार को 932 व गंगोत्री धाम में 850 तीर्थयात्री दर्शनों को पहुंचे। जबकि जिले के विभिन्न जगहों से लोकल टैक्सी वाहनों से अनेक गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की ओर रवाना हुए। धामों में यात्रियों के आने से गंगोत्री रूट पर नेताला, गंगनानी, हर्षिल व धराली जैसे पड़ावों पर चहल पहल रही, जबकि यमुनोत्री रूट पर बड़कोट समेत रानाचट्टी, हनुमाचट्टी व जानकीचट्टी में दो साल पहले की तरह यात्रा सीजन का नजारा रहा। गंगोत्री हाईवे के कुछ हिस्सों को छोड़कर फिलहाल यात्र मार्ग सामान्य स्थिति में नजर आ रहे हैं। दोनों धामों पर पेयजल, बिजली व आवासीय व्यवस्थाएं भी दुरुस्त हैं। निर्धन तीर्थयात्रियों के लिए गंगोत्री मंदिर समिति की ओर से अन्नक्षेत्र की व्यवस्था भी की गई है। वहीं दोनों धामों पर प्रशासन की ओर से स्वास्थ्य व सुरक्षा व्यवस्था भी चाक-चौबंद है।
कंचनगंगा के पास बदरीनाथ राजमार्ग बाधित-श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने में अब तीन दिन रह गए हैं। यात्रा तैयारियां भी अब अंतिम चरण में हैं। श्री बदरीनाथ धाम में कुबेर गली, श्रद्धालु स्थल और मंदिर परिसर से सटे स्थलों से बर्फ हटाने का काम पूरा कर लिया गया है। हालांकि बदरीनाथ हाईवे अभी कंचनगंगा में बाधित है। सीमा सड़क संगठन इसे दुरुस्त करने में जुटे हैं, यहां पर सड़क खुलवाना चुनौती बना हुआ है। यात्रा को लेकर इस बार उत्साह देखने को मिल रहा है। श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह का कहना है कि अब तक दो हजार से अधिक लोग मंदिर समिति से यात्रा को लेकर जानकारियां अलग अलग माध्यमों से ले चुके हैं। 100 से अधिक श्रद्धालु विशेष पूजा बुक करा चुके हैं। उन्होंने कहा कि श्री बदरीनाथ धाम व केदारनाथ धाम की यात्रा
सुरक्षित है और यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए पूरी व्यवस्थाएं की गई हैं।
बदरीनाथ धाम में धर्मशालाओं, होटलों में बुधवार तक पांच हजार लोगों के रहने की व्यवस्था की गई है। हालांकि अभी निजी धर्मशाला व होटलों के खुलने में सड़क बाधा बन रही है। कारोबारियों को हाईवे खुलने का इंतजार है। श्री बदरीनाथ धाम के परिक्रमा स्थल सहित पंचशिला क्षेत्र से बर्फ हटाकर बदरीनाथ मंदिर तक आवाजाही सुचारु हो गई है। कुबेर गली के साथ ही श्रद्धालुओं के लाइन में खड़े होने वाले स्थान से भी बर्फ हटाने का काम पूरा कर लिया गया है। बताते चलें कि कुबेर देवता कपाट खुलने वक्त इसी गली से मंदिर में प्रवेश करते हैं। पुलिस थाने से साकेत तिराहे होते हुए मंदिर तक भी मार्ग से बर्फ हटा दी गई है। श्री बदरीनाथ धाम में होटल, ढाबों की बात करें तो अभी निजी होटल, ढाबे अभी एक भी नहीं खुले हैं। सीमा सड़क संगठन के द्वितीय कमान अधिकारी मेजर रूपज्योति दास का कहना है कि कंचनगंगा हिमखंड में 40 फीट बर्फ हटाने के बाद भी सड़क नहीं मिल पाई है। बीआरओ की कोशिशें जारी हैं।