65 वर्ष के बुजुर्गो के लिए नि:शुल्क चारधाम यात्रा योजना
उम्र के आखिरी पड़ाव पर आर्थिक तंगी या कुछ ऐसे अन्य कारणों से चारधाम यात्रा का पुण्यलाभ लेने से वंचित बुजुर्गो की मुराद अब पूरी होने जा रही है। पर्यटन विभाग ने 'मेरे बुजुर्ग मेरे तीरथ' नामक एक योजना प्रारंभ की है, जिसके अंतर्गत 65 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों को प्रदेश सरकार चारधाम यात्रा कराएगी। इसके लिए राज्य
देहरादून। उम्र के आखिरी पड़ाव पर आर्थिक तंगी या कुछ ऐसे अन्य कारणों से चारधाम यात्रा का पुण्यलाभ लेने से वंचित बुजुर्गो की मुराद अब पूरी होने जा रही है। पर्यटन विभाग ने 'मेरे बुजुर्ग मेरे तीरथ' नामक एक योजना प्रारंभ की है, जिसके अंतर्गत 65 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों को प्रदेश सरकार चारधाम यात्रा कराएगी।
इसके लिए राज्य के प्रत्येक जिले से 200 बुजुर्गो का चयन किया जाएगा। पर्यटन विभाग ने इस बाबत शासनादेश जारी कर सभी जिलों के डीएम को चारधाम यात्रा करने के इच्छुक बुजुर्गो का चयन करने के निर्देश दिए हैं। उत्तराखंड में दैवीय आपदा के बाद से ही ठप पड़े तीर्थाटन व्यवसाय को फिर पटरी पर लाने की दिशा में राच्य सरकार की यह अनूठी पहल मानी जा रही है।
कुछ समय पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों को चारधाम/धार्मिक यात्रा कराने की घोषणा की थी। पर्यटन विभाग ने मुख्यमंत्री की इस घोषणा को अमलीजामा पहनाने के लिए 'मेरे बुजुर्ग मेरे तीरथ' नाम से नई योजना प्रारंभ कर दी। राच्य के 65 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों को इस योजना का लाभ मिलेगा। प्रदेश के हर जनपद से योजना के तहत 200 बुजुर्गो का चयन किया जाएगा।
गढ़वाल मंडल विकास निगम व कुमाऊं मंडल विकास निगम के जरिए इस योजना के तहत परिवहन व्यवस्था के लिए बसें ली जाएंगी, जिनमें चयनित वरिष्ठ नागरिकों को चारधाम/ धार्मिक यात्रा कराई जाएगी। चारधाम यात्रा में आवासीय व भोजन की व्यवस्था भी गढ़वाल मंडल विकास निगम उपलब्ध कराएगा।
प्रदेश में यह नई योजना 15 सितंबर से शुरू हो गई है। लिहाजा, सचिव पर्यटन डा. उमाकांत पंवार ने इस बाबत शासनादेश जारी कर सभी जनपदों के डीएम को योजना के तहत 200 इच्छुक बुजुर्गो का चयन करने के निर्देश दिए हैं।