सदियों से यह माना जाता रहा है कि चाय का आविष्कार चीन में हुआ
सदियों से यह माना जाता रहा है कि चाय का आविष्कार चीन में हुआ। चीन में ऐसी कई दंतकथाएं और लोकोत्तियां वर्तमान में भी प्रचलित हैं। जिनसे ये माना जाता है कि चाय की उत्पत्ति यहीं हुई होगी। कहते हैं वहां के सम्राट शेननुंग चाय को पेय पदार्थों में शामिल
सदियों से यह माना जाता रहा है कि चाय का आविष्कार चीन में हुआ। चीन में ऐसी कई दंतकथाएं और लोकोत्तियां वर्तमान में भी प्रचलित हैं। जिनसे ये माना जाता है कि चाय की उत्पत्ति यहीं हुई होगी। कहते हैं वहां के सम्राट शेननुंग चाय को पेय पदार्थों में शामिल किया था। शेननुंग का सम्राट के रूप में कार्यकाल 2737 से 2697 BC रहा था।
543 ईसवी में 'बोधी धर्म' नामक एक भारतीय परिव्राजक, बौद्ध धर्म प्रचारक, चीन में गया। उसने प्रण किया था कि वह 9 वर्ष तक बिना थके और रुके वह चीन में बौद्ध धर्म का प्रचार करता रहा।
उसने वापिस लौटने पर अपने अन्य मित्र भिक्षुओं को बताया कि वह अपनी थकान चाय से मिटाया करता था। वह नींद रोक लेता था और उसे ज्यादा से ज्यादा समय बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए मिल जाया करते थे। इस तरह एक बौद्ध भिक्षु चाय को सबसे पहले चीन ले गया।
चीन के लोग उस बौद्ध भिक्षु को ध्यान में बैठने से पहले चाय की पत्तियां उबालकर पीते देखा करते थे। इस तरह बौद्ध धर्म के साथ-साथ उन्होंने चाय को भी अपना लिया। बौद्ध धर्म के अनुयायी चीन और जापान के लोग चाय को धर्म का एक अभिन्न अंग मानते हैं। यही चाय बौद्ध धर्म के साथ ही जापान पहुंची।
जापान में ऐसी कई किंवदंतियां प्रचलित हैं जिनमें साफ तौर पर कहा जाता है कि, चाय चीन से बौद्ध धर्म के साथ पहुंची थी। लेकिन जापान के लोगों ने चाय बनाने की विधियों में फेरबदल किया।