Move to Jagran APP

आस्था एवं श्रद्घा के पवित्र स्थल पर जैविक इकाई के निर्माण

पहले माताजी का श्रृंगार! फिर उतरे फूल-हार। फिर जैविक खाद बन किसानों के श्रम से एकाकार हो जाते हैं निर्माल्य। कलेक्टर के मार्गदर्शन में कृषि विस्तार सुधार कार्यक्रम के अंतर्गत मां चामुंडा टेकरी पर माताजी पर अर्पित फूलों से नाडेप एवं चार चक्रीय वर्मी कम्पोस्ट इकाई द्वारा जैविक खाद का

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 29 Jul 2015 10:29 AM (IST)Updated: Wed, 29 Jul 2015 10:40 AM (IST)
आस्था एवं श्रद्घा के पवित्र स्थल पर जैविक इकाई के निर्माण

देवास। पहले माताजी का श्रृंगार! फिर उतरे फूल-हार। फिर जैविक खाद बन किसानों के श्रम से एकाकार हो जाते हैं निर्माल्य। कलेक्टर के मार्गदर्शन में कृषि विस्तार सुधार कार्यक्रम के अंतर्गत मां चामुंडा टेकरी पर माताजी पर अर्पित फूलों से नाडेप एवं चार चक्रीय वर्मी कम्पोस्ट इकाई द्वारा जैविक खाद का निर्माण किया जा रहा है। माताजी के मंदिर में अर्पित फूलों, प्रसाद, नारियल इत्यादि से नाडेप और चार चक्रीय वर्मी कम्पोस्ट इकाई के द्वारा जैविक खाद निर्माण परिसर बनाया है।

loksabha election banner

यहां तीन तरह की यूनिट नाडेप, वर्मी कम्पोस्ट का पक्का यूनिट, और चार चक्रीय वर्मी कम्पोस्ट है। यहां काम करने वाले कमल जो कि एक हाथ से विकलांग है थैला लेकर मंदिर में जाते हैं। माताजी पर चढ़ने वाले हार, फूल, नारियल प्रसादी आदि सामग्री को एकत्र कर यहां लेकर आते हैं। फिर उसमें से प्लास्टिक, कांच और पत्थर को अलग किया जाता है। बची हुई फूलों को चार चक्रीय के एक इकाई टांके में डाल दिया जाता है। उस पर पानी का हल्का छिड़काव किया जाता है। इस प्रक्रिया में गोबर और मिट्टी भी मिलाई जाती है। बाद में केचुएं छोड़कर जैविक खाद तैयार की जाती है। केचुएं छोड़ने के 21 दिन के बाद खाद बनकर तैयार होती है। बारीक छने हुए खाद को 1 किलो, 5 किलो तथा 50 किलो के पैकिंग के रूप में मार्केट के लिए तैयार किया जाता हैं, जहां 15 रु. किलो के हिसाब से बेचा जाता है। पहली बार में 40 हजार रु. का जैविक खाद इस इकाई से बेचा जा चुका है। जैविक खाद एवं रोजगार के नए आयाम टेकरी के संवर्धन में नियुक्त नोडल अधिकारी अपर कलेक्टर कैलाश बुंदेला बताते हैं कि आस्था एवं श्रद्घा के पवित्र स्थल पर जैविक इकाई के निर्माण से कचरे का उचित निपटारा हो रहा है। वहीं खेती के लिए लाभदायक जैविक खाद और रोजगार के नए आयाम मिल रहे हैं। जैविक खाद का उपयोग कर कई ग्रामों के किसान संपन्नता की ओर अग्रसर हो रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.