झंडा मेले के तहत गुरु के जयकारों से गूंजी द्रोणनगरी
गुरु के जयकारों से गूंजती द्रोणनगरी, श्रद्धा और आस्था की हिलौरे मारती उमंगें, स्वागत में गुरु महाराज पर फूलों की वर्षा के साथ भजन-कीर्तन से गुरु की महिमा का बखान करते श्रद्धालु और भक्तिमय होती द्रोणनगरी। ये नजारा था शुक्रवार को झंडे मेले के तहत दरबार साहिब की अगुवाई में
देहरादून। गुरु के जयकारों से गूंजती द्रोणनगरी, श्रद्धा और आस्था की हिलौरे मारती उमंगें, स्वागत में गुरु महाराज पर फूलों की वर्षा के साथ भजन-कीर्तन से गुरु की महिमा का बखान करते श्रद्धालु और भक्तिमय होती द्रोणनगरी। ये नजारा था शुक्रवार को झंडे मेले के तहत दरबार साहिब की अगुवाई में निकाली गई नगर परिक्रमा का। नगर परिक्रमा जिस रास्ते से होकर भी गुजरी, वहां शीश झुकाए लोग बिछे से नजर आए।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी रेलवे स्टेशन के पास महंत देवेंद्र दास महाराज का माल्यापर्ण कर स्वागत किया। परंपरानुसार ऐतिहासिक झंडा मेले के आगाज के तीसरे दिन इस नगर की खुशहाली और श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देने के लिए नगर परिक्रमा होती है। शुक्रवार को दरबार साहिब के महंत देवेंद्र दास जी महाराज की अगुवाई में भव्य नगर परिक्रमा दरबार साहिब से शुरू हुई। पुष्प वर्षा के बीच यह यात्रा सहारनपुर चौक, कांवली रोड होते हुए श्री गुरु राम राय पब्लिक स्कूल बिंदाल पहुंची। वहां परिक्रमा में शमिल संगतों ने भजन-कीर्तन कर गुरु महाराज का आशीर्वाद लिया और फिर चने, मुरमुरे व गुड़ का प्रसाद वितरित किया गया।
इसके बाद यह परिक्रमा तिलक रोड होते हुए घंटाघर पहुंची, यहां व्यापारियों और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने महंत देवेंद्र दास जी महाराज समेत संगतों का स्वागत किया गया। इसके बाद परिक्रमा गुरु राम राय पब्लिक स्कूल भंडारी बाग पहुंची और वहां संगतों ने भजन-कीर्तन प्रस्तुत किए। वहां श्रद्धालुओं को गन्ने का प्रसाद वितरित किया गया। फिर, संगतें मातावाला बाग स्थित महंत साहिबानों के समाधि स्थल पहुंची और वहां मत्था टेकने के साथ ही भजन-कीर्तन प्रस्तुत किए।
अपराह्न करीब दो बजे नगर परिक्रमा ने दरबार साहिब पहुंचकर विश्राम लिया। इस मौके पर महंत देवेंद्र दास जी महाराज ने श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया। नगर परिक्रमा के दौरान लोगों ने जगह-जगह इसका स्वागत किया। यही नहीं, परिक्रमा संपन्न होने के बाद दरबार साहिब में भी संगतों ने भजन-कीर्तन के जरिये गुरु महाराज की महिमा का बखान किया।
अलग-अलग किस्म का प्रसाद -
नगर परिक्रमा के दौरान तीन प्रकार का प्रसाद वितरित किया गया। परिक्रमा जब बिंदाल पहुंची तो वहां चने, मुरमुरे व गुड़ का प्रसाद बांटा गया। घंटाघर पहुंचने पर फल और मिठाइयां। तीसरे पड़ाव भंडारी बाग में गन्ने का प्रसाद वितरित किया गया। यह गन्ना दरबार साहिब के तहत संचालित कृषि फर्म से लाया जाता है, जो हर साल मेले में प्रसाद के रूप में बांटा जाता है। अंतिम पड़ाव मातावाला बाग स्थित समाधि स्थल में कड़ा प्रसादÓ का वितरित हुआ।
खुशी का प्रसाद आज-
झंडा मेले के तहत सोमवार को दरबार साहिब में पंजाब की संगतें चढ़ावा चढ़ाएंगी और गुरु महाराज का आशीष लेंगी। शाम को खुशी का प्रसाद भी वितरित किया जायेगा।
संगतों की विदाई शुरू -
ऐतिहासिक झंडा मेले में भाग लेने आई संगतों की विदाई शुक्रवार से शुरू हो गई। विदाई लेने वाले मसंदों और संगतों प्रसाद वितरित किया गया।
संगतों ने किया नृत्य -
गुरु के रंग में रंगी संगतें आस्था से सराबोर थी। गुरु के जयकारों के साथ संगतें नृत्य करते हुए आगे बढ़ रही थी। परिक्रमा में संगतों का उत्साह देखते ही बन रहा था।