यमुना सूखी, श्रद्धालु आचमन को तरसे
बीस दिन पहले यमुना लबालब हो गयीं तो भक्तों में उल्लास भर गया। नाविक भी खुश तो भक्तों ने जमकर किया स्नान और आचमन। लेकिन न जाने कैसे नजर लग गई और दिल्ली को ओर से आने वाला पानी चार दिन में बाद घट गया। पिछले एक पखवारे से यमुना महारानी का रूप बदल गया है। यमुना घाटों पर कीचड़ और गंदगी फैल गयी है। आचमन करने पर पानी
वृंदावन। बीस दिन पहले यमुना लबालब हो गयीं तो भक्तों में उल्लास भर गया। नाविक भी खुश तो भक्तों ने जमकर किया स्नान और आचमन। लेकिन न जाने कैसे नजर लग गई और दिल्ली को ओर से आने वाला पानी चार दिन में बाद घट गया।
पिछले एक पखवारे से यमुना महारानी का रूप बदल गया है। यमुना घाटों पर कीचड़ और गंदगी फैल गयी है। आचमन करने पर पानी में बदबू आ रही। पिछले मार्च महीने के अंतिम दिनों में यमुना के घाटों पर अचानक पानी बढ़ गया तो श्रद्धालुओं के चेहरे खिल उठे। लोगाें ने स्नान कर पूजा-अर्चना की और यमुना आरती कर दीप दान किया। सुबह शाम घाटों पर भीड़ देखी गई। 1विपरीत इसके सोमवार को यमुना घाटों पर सन्नाटे का माहौल रहा।
नाविक ने बताया कि केशी घाट, बिहार घाट जगन्नाथ घाट पर बाहरी शहरों से श्रद्धालु यमुना मैया की पूजा को पूरे वर्ष बड़े पैमाने पर आते हैं पर इन दिनों पानी कम होने के कारण वे पूजा, स्नान और नौका बिहार किये बिना लौट जाते है। इससे उन लोगों की कमाई नहीं हो पा रही। यमुना का पानी घाटों से दूर होने से वह लोग परेशान हैं। यमुना स्नान करना हो या पूजन घाटों परकम होने के कारण अधिकतर श्रद्धालु यमुना स्नान करने से भी वंचित हो रहे।