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भारत के कण-कण में भगवान विराजित हैं

भारत के कण-कण में भगवान विराजित हैं। भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण का अवतरण भारत भूमि के लिए गौरव और सौभाग्य का विषय है। राम और कृष्ण के बिना भारत परिपूर्ण नहीं हो सकता। राम भारतीय समाज के आराध्य देवता हैं तो कृष्ण हमारी संस्कृति के आधार स्तम्भ हैं। यह बात

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 07 Jul 2015 11:58 AM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2015 12:16 PM (IST)
भारत के कण-कण में भगवान विराजित हैं

इंदौर। भारत के कण-कण में भगवान विराजित हैं। भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण का अवतरण भारत भूमि के लिए गौरव और सौभाग्य का विषय है। राम और कृष्ण के बिना भारत परिपूर्ण नहीं हो सकता। राम भारतीय समाज के आराध्य देवता हैं तो कृष्ण हमारी संस्कृति के आधार स्तम्भ हैं। यह बात एरोड्रम रोड स्थित श्री श्रीविद्याधाम में चल रहे संगीतमय भागवत ज्ञानयज्ञ में आचार्य पं. राहुल शर्मा ने कही। वे श्रीराम एवं श्रीकृष्ण जन्मोत्सव प्रसंग सुना रहे थे।

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जैसे ही बालकृष्ण को टोकरी में लेकर बाबा नंद और देवकी कथा स्थल पहुंचे, नंद घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की...' का उद्घोष हुआ और श्रद्धालु भावविभोर हो गए। माखन-मिश्री का प्रसाद वितरित किया गया। श्यामाप्रसाद तिवारी, प्रभा केदारे, पं. दिनेश शर्मा, मृदुला शाहरा आदि ने व्यासपीठ का पूजन किया। मंगलवार को गोवर्धन पूजा का उत्सव मनाया जाएगा। कथा प्रतिदिन दोपहर 2.30 से शाम 6.30 तक चल रही है। निकली कलश यात्रा, झूमे भक्त श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान गंगा समिति द्वारा आयोजित भागवत कथा की शुरुआत कलश यात्रा के साथ हुई। यात्रा स्वामी नारायण मंदिर धार रोड से केशव धर्मशाला पहुंची। यात्रा में महिलाएं कलश लिए चल रही थीं। भक्त भजनों पर झूम रहे थे। जगह-जगह यात्रा का स्वागत किया गया। अध्यक्ष वासुदेव चावला ने बताया कि कथा प्रतिदिन दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक होगी।


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