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देवघर: श्रवणी मेले की तैयारी जारी

श्रवणी मेला में इस बार पूजा अर्चना को लेकर शिवभक्तों का समय निर्धारित कर दिया जाएगा। एक बैज होगा जिसे एक्टिवेशन सेंटर में एक्टिवेट करने के बाद उसमें समय अंकित हो जाएगा। यह वाटरफ्रुप बैज होगा। बदली हुई व्यवस्था में सबसे अहम श्रद्धालुओं को संयमित रखने व उन्हें सूचना मुहैया कराना है। इसलिए प्रशासन ने तय किया है कि एनडीआर

By Edited By: Published: Thu, 20 Jun 2013 12:30 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jun 2013 12:46 PM (IST)
देवघर: श्रवणी मेले की तैयारी जारी

देवघर। श्रवणी मेला में इस बार पूजा अर्चना को लेकर शिवभक्तों का समय निर्धारित कर दिया जाएगा। एक बैज होगा जिसे एक्टिवेशन सेंटर में एक्टिवेट करने के बाद उसमें समय अंकित हो जाएगा। यह वाटरफ्रुप बैज होगा। बदली हुई व्यवस्था में सबसे अहम श्रद्धालुओं को संयमित रखने व उन्हें सूचना मुहैया कराना है। इसलिए प्रशासन ने तय किया है कि एनडीआरएफ (नेशनल डिजास्टर रेस्क्यू फोर्स) के एक्सपर्ट के साथ एनएसएस समेत स्थानीय संस्थाओं का सहयोग लिया जाय।

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पिछले दिनों उपायुक्त की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद डीईओ के नेतृत्व में एक पांच सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। मंगलवार को डीईओ की अध्यक्षता में एक बैठक हुई जिसमें सदस्यों की मौजूदगी में यह तय हुआ कि 25 जून को इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। बता दें कि एनएसएस में सत्संग कॉलेज, बाजला महिला कॉलेज, बीआईटी मेसरा के छात्र शामिल हैं। वहीं मारवाड़ी युवा मंच, रोटरी क्लब, लायंस क्लब, खेल प्राधिकार के सदस्यों को सहयोग करने को कहा गया है। एक हजार स्वयंसेवक इस कार्य के लिए तैनात किए जाएंगे। हरा टी शर्ट व सफेद टोपी में यह कार्यकर्ता नेहरू पार्क में शिवभक्तों को व्यवस्थित करने में अहम भूमिका निभाएंगे।

चरकी पहाड़ी में बनेगा कांवरिया वाहन पड़ाव-

श्रवणी मेला की तैयारी में प्रशासन जुट गया है। पुरानी व्यवस्था की लीक से हटकर प्रशासन ने नई व्यवस्था की कवायद तेज कर दी है। पहले देवघर कॉलेज व भुरभुरा मैदान कांवरिया वाहन का पड़ाव हुआ करता था। इस बार चरकी पहाड़ी व बाघमारा में पड़ाव होगा ताकि शहर में वाहनों के जमघट न लगे। चरकी पहाड़ी वाहन पड़ाव स्थल का जायजा मंगलवार को भूमि सुधार उपसमाहर्ता, अंचलाधिकारी पारितोष ठाकुर व अन्य अधिकारियों ने किया। इन लोगों ने बंधा, चरकी पहाड़ी मौजा में वाहन पड़ाव स्थल चिन्हित किया। अंचलाधिकारी ने बताया कि कांवरिया वाहन को इस बार शहर से बाहर रखा जाएगा। लगभग पांच एकड़ जमीन का चयन किया गया है। यह गैर मजरूआ व रैयती जमीन है, तकरीबन पांच सौ से अधिक वाहनों का यहां लगाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि बासुकीनाथ, भागलपुर, सुल्तानगंज से आनेवाले वाहनों को यहां ठहराया जाएगा। इसके लिए उन्हें हिंडोलावरण से तपोवन की तरफ से आना होगा। इससे शहर में वाहनों का जमावड़ा नहीं होगा। देवघर अंचलाधिकारी धीरेंद्र कुमार प्रसाद, सीआई उपेंद्र नारायण दुबे आदि उपस्थित थे।

श्रवणी मेला की तैयारी-

रांची के प्रोजेक्ट भवन में मंगलवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में श्रवणी मेला व्यवस्था को लेकर हुई बैठक में एसपी ने सात हजार पुलिस कर्मियों की डिमांड की गयी है। इस बारे में बैठक के पश्चात रांची से फोन पर एसपी रंजीत कुमार प्रसाद ने बताया कि उन्होंने 743 पुलिस अधिकारी, 5064 सिपाही व हवलदार और हजार गृहरक्षक डिमांड किया है। इसमें सशस्त्र बल, महिला पुलिस, खोजी कुत्ता दस्ता, बम निरोधक दस्ता, खुफिया विभाग के लोग आदि शामिल हैं। बैठक में उन्होंने पदाधिकारियों को बताया कि इस वर्ष पहली बार श्रवणी मेला के दौरान पूजा व्यवस्था में व्यापक पैमाने पर बदलाव किया गया है। एक ओर जहां अघ्र्या सिस्टम लागू किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर टाइम स्लाट बैंड भी प्रयोग किया जाएगा। इसके अलावा कतार की भी अलग व्यवस्था होगी। इस बार ज्यादा लोग पूजा व दर्शन कर पाएंगे। वहीं यातायात व्यवस्था में भी बदलाव लाया जा रहा है, नया रूट बनाया गया है और पार्किंग भी नए तरीके से की जाएगी। एक साथ व्यवस्था में किए गए बदलाव को लागू करने के लिए ज्यादा बल की जरूरत पड़ेगी। उन्होंने उम्मीद जतायी कि उनकी डिमांड जरूर पूरी होगी।

पुलिस कर्मियों की सुविधा के लिए मांगा 40 लाख- मेला के दौरान बाहर से आने वाले पुलिस कर्मियों की सुविधा के लिए एसपी ने 40 लाख मांगा है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष फंड कम रहने से काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। मेला में एमटी फंड के अलावा पुरस्कार, यातायात पोस्ट, बिजली, पानी, जेनरेटर, आवास आदि सुविधा के लिए काफी पैसे की जरूरत पड़ती है। इसी को ध्यान में रखकर उन्होंने अपनी मांग रखी है।

जहां बाबा मंदिर का वीआईपी गेट है। पाठक धर्मशाला के पास इस गेट से होकर वीआईपी लोग बाबा मंदिर कार्यालय व मंदिर में प्रवेश करते हैं। गेट के पास कचरे का अंबार लगा हुआ है। बिल्व पत्र, दोना, फूल, पत्तल, अगरबत्ती का डिब्बा व अन्य पूजा सामग्री का ढेर लगा हुआ है। पिछले तीन दिनों से इसकी सफाई नहीं हुई है। मंदिर प्रभारी और न ही नगर निगम को गरज है कि इतने महत्वपूर्ण व संवेदनशील जगहों की सफाई व्यवस्था हो। जानकारी के अनुसार नगर निगम ने श्रवणी मेला के दौरान साफ-सफाई आउटसोर्सिग से कराने का निर्णय लिया है। इसकी निविदा निकालने की तैयारी हो रही है। इसकी जानकारी होते ही निगम के सफाई कर्मियों ने अघोषित हड़ताल शुरू कर दी है। जिस कारण मंदिर एवं इसके आसपास की सफाई नहीं हो पा रही है। बाहर से आने वाले श्रद्धालु व स्थानीय लोग भी हैरत में हैं कि जब मंदिर की व्यवस्था का यह आलम है तो शहर की कल्पना की जा सकती है। इस संबंध में मंदिर प्रबंधक रमेश परिहस्त ने बताया कि मंदिर प्रभारी ने इसे गंभीरता से लिया है और निगम के सीईओ से बातचीत की है। उन्होंने आश्वासन दिया कि बुधवार से सफाई की जाएगी। अगर संभव नहीं हुआ तो वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी।

7 हजार पुलिस कर्मियों की डिमांड-

रांची के प्रोजेक्ट भवन में मंगलवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में श्रवणी मेला व्यवस्था को लेकर हुई बैठक में एसपी ने सात हजार पुलिस कर्मियों की डिमांड की गयी है। इस बारे में बैठक के पश्चात रांची से फोन पर एसपी रंजीत कुमार प्रसाद ने बताया कि उन्होंने 743 पुलिस अधिकारी, 5064 सिपाही व हवलदार और 1 हजार गृहरक्षक डिमांड किया है। इसमें सशस्त्र बल, महिला पुलिस, खोजी कुत्ता दस्ता, बम निरोधक दस्ता, खुफिया विभाग के लोग आदि शामिल हैं। बैठक में उन्होंने पदाधिकारियों को बताया कि इस वर्ष पहली बार श्रवणी मेला के दौरान पूजा व्यवस्था में व्यापक पैमाने पर बदलाव किया गया है।

एक ओर जहां अघ्र्या सिस्टम लागू किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर टाइम स्लाट बैंड भी प्रयोग किया जाएगा। इसके अलावा कतार की भी अलग व्यवस्था होगी। इस बार ज्यादा लोग पूजा व दर्शन कर पाएंगे। वहीं यातायात व्यवस्था में भी बदलाव लाया जा रहा है, नया रूट बनाया गया है और पार्किंग भी नए तरीके से की जाएगी। एक साथ व्यवस्था में किए गए बदलाव को लागू करने के लिए ज्यादा बल की जरूरत पड़ेगी। उन्होंने उम्मीद जतायी कि उनकी डिमांड जरूर पूरी होगी।

मेला प्राधिकार गठन में पेंच, लड़खड़ाती व्यवस्था-

क्या कहते हैं पंडा व स्थानीय लोग-

बासुकीनाथ पंडा धर्मरक्षिणी सभा के सदस्य मणिकांत झा एवं किशोर झा कहते है बासुकीनाथ मे मेला प्राधिकार के गठन से श्रद्धालुओं को मेला में बेहतर सुविधाएं मिल पाएगी। सामाजिक कार्यकर्ता महेश साह एवं रविकांत मिश्र कहते है, कि मेला प्राधिकार के गठन से शिवभक्तों व स्थानीय लोगों को भी राहत मिलेगी। बासुकीनाथ नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष बमबम पंडा कहते है कि बासुकीनाथ में मेला प्राधिकार के गठन से श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिल पाएगी। स्थानीय युवक संतोष कुमार बताते है कि यहां हर साल श्रवण माह के पूर्व प्रशासन द्वारा येन-केन-प्रकारेण व्यवस्था कर अपनी पीठ स्वयं थपथपाती है।

बासुकीनाथ में सावन में लगने वाले विश्व प्रसिद्ध मेला के समग्र विकास के उद्देश्य से मेला प्राधिकार की गठन की मांग एक बार फिर बलवती होने लगी है। सीधे तौर पर कहें तो माहव्यापी मेला मेला के आयोजन में प्रशासन के साथ मिलकर स्थानीय लोग अपनी भागीदारी तय करना चाहते हैं। हालांकि मेला प्राधिकार के गठन में क्या पेंच है इस विषय पर आज तक कोई भी जनप्रतिनिधि या अधिकारी कुछ बोलने से कतराते रहे हैं। मेला प्राधिकार का गठन नही होने से हर वर्ष श्रवणी मेला की तैयारी काफी जल्दबाजी में जैसे-तैसे की जाती है जिससे सारी व्यवस्था पुख्ता नहीं हो पाती है।

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