अधिक खाने से मौत होना भी मौत का एक प्रकार है
चिड़िया ने कहा ",आपने तो इस मतलबी दुनियां में बहुत अच्छी व्यवस्था कर रखी है । दोष तो हमारे बच्चे में ही था ।
चिड़ियों की भीड़ हो चली थी , निर्धन प्रसाद के आँगन में आज एक चिड़िया की मौत हो चुकी थी । मृत चिड़िया को घेरे बैठी सेकडों चिड़ियों में तरह तरह की चर्चाएं थी।
निर्धन प्रसाद ने अपनी झोपड़ी के गोबर लिपे आँगन में चिड़ियों के भोजन के लिए पर्याप्त दाना और पानी की व्यवस्था कर रखी थी । सूरज की तपन आदमी के लिए भी असहनीय हो रही थी ,ऎसे में जीव जंतुओं के लिए छाँव और पानी की व्यवस्था बड़े बड़े धन्ना सेठ भी नहीं करते ।
चिड़िया की मौत पर निर्धन प्रसाद अपने किये पर पछतावा कर रहा था ।
एक बुजुर्ग चिड़िया ने कहा "आप बिल्कुल रंज न करें ,आपने तो इस मतलबी दुनियां में बहुत अच्छी व्यवस्था कर रखी है । दोष तो हमारे बच्चे में ही था । समझ की कमी ने ही मौत के मुँह में पहुंचाया है । बच्चे की मौत अधिक खाने से हुई है "
'लोग भूख से मरते हैं ,क्या अधिक खाने से मौत होना भी मौत का एक प्रकार है ..?"
निर्धनप्रसाद के मन में अपने बेटे की मौत का चित्र उभर आया था ।