प्रकृति के निकट लाता है गायत्री महामंत्र
गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पंड्या ने कहा कि प्रकृति के साथ खिलवाड़ नहीं, संबंध स्थापित करना गायत्री मंत्र सिखाता है। गायत्री महामंत्र निष्काम भाव से कर्म करने की प्रेरणा देता है। गायत्री महामंत्र के सामूहिक रूप से नियमित जप करने से अपार शक्ति उत्पन्न होती है जिससे विश्व भर
हरिद्वार। गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पंड्या ने कहा कि प्रकृति के साथ खिलवाड़ नहीं, संबंध स्थापित करना गायत्री मंत्र सिखाता है। गायत्री महामंत्र निष्काम भाव से कर्म करने की प्रेरणा देता है। गायत्री महामंत्र के सामूहिक रूप से नियमित जप करने से अपार शक्ति उत्पन्न होती है जिससे विश्व भर में शांति स्थापित हो सकती है। डॉ. पंड्या शांतिकुंज के मुख्य सभागार में गंगा दशहरा व गायत्री जयंती पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर डॉ. पंड्या ने कहा कि ब्राह्मण वह है जो जीवन को सत्य, धर्म और कर्तव्य से ओतप्रोत बनाएं और परमार्थ परायणता का जीवन जीए। उन्होंने कहा कि गंगा व गायत्री ये दोनों देवियां समान रूप से मानवता का कल्याण करती हैं। कार्यक्रम में संस्था की अधिष्ठात्री शैलदीदी ने कहा कि गायत्री और गंगा भाव संवेदनाओं की देवियां हैं। गंगा जहां स्थूल शरीर को शुद्ध करती है, वहीं गायत्री अंत:करण को पवित्र बनाती है।
वहीं गायत्री परिवार ने पं. श्रीराम शर्मा आचार्य की 25वीं पुण्यतिथि को संकल्प दिवस के रूप में मनाते हुए उनके बताए सूत्रों को स्वयं पालन करने एवं दूसरों को प्रेरित करने की शपथ ली। इस दौरान गायत्री परिवार प्रमुख ने हिन्दी, ओडिया, तेलुगू, मलयालमी, मराठी भाषा में युगऋषि के साहित्य के अनुवादित साहित्यों का विमोचन किया। पर्व पूजन का कर्मकाण्ड डॉ. गायत्री किशोर त्रिवेदी व दिनेश पटेल ने सम्पन्न कराया। ब्रह्ममुहूर्त में डा. पंड्या व शैलदीदी ने बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को गायत्री महामंत्र की दीक्षा दी। मुख्य कार्यक्रम का संचालन डॉ. बृजमोहन गौड़ ने किया।