ब्रज पर बलिहारी चाइना की बंदिश
जब दिल ने ठान ली तो वतन की बंदिश भी अपना सा मुंह ताकती रहीं। अपने देश में हिंदू रीति- रिवाज से शादी रचाने की अनुमति न मिलते देख चाइनीज युगल ब्रज में आकर एकदूजे के हो गए। चीन से आए बरातियाें के साथ अग्नि को साक्षी मान सात फेरे लिए। अमेरिकी पंडित ने सात जन्मों तक साथ निभाने की कसम दिलाई। चाइना सरकार हिंदू रीति- ि
वृंदावन। जब दिल ने ठान ली तो वतन की बंदिश भी अपना सा मुंह ताकती रहीं। अपने देश में हिंदू रीति- रिवाज से शादी रचाने की अनुमति न मिलते देख चाइनीज युगल ब्रज में आकर एकदूजे के हो गए। चीन से आए बरातियाें के साथ अग्नि को साक्षी मान सात फेरे लिए। अमेरिकी पंडित ने सात जन्मों तक साथ निभाने की कसम दिलाई।
चाइना सरकार हिंदू रीति- रिवाज से शादी करने की अनुमति नहीं देती है। जबकि चाइना के युवक हुआंग नौगी और युवती यिन जहुआपु कृष्ण भक्त हैं। दोनों हर हाल में हिंदू रीति- रिवाज के तहत शादी करना चाहते थे। इसके लिए उन्हें भारत का रुख करना पड़ा। दूल्हा- दुल्हन, चाइना के 30 लोग और 20 स्थानीय लोग बराती के रूप में यहां आए। बरात को इस्कॉन परिसर में दावत दी गई। जबकि कृष्णा इंटरनेशनल होटल के हरे- भरे परिसर में हिंदू रीति- रिवाज के तहत अमेरिका निवासी पंडित वृंदावनदास ने गौड़ीय वैष्णव संप्रदाय की परंपरा के तहत वैदिक हवन और मंत्रोच्चारण कर युवक- युवती की शादी कराई।
बरातियों, कृष्णा इंटरनेशनल होटल के संचालक महेंद्र प्रताप सिंह, प्रबंधक एसके शर्मा, सीता आदि ने होटल परिसर में दूल्हा और दुल्हन को उपहार भेंट कर शुभकामनाएं दी।
योगा टीचर हैं दूल्हा- दुल्हन-चाइना का युवक हुआंग नौगी और युवती यिन जहुआपु योगा टीचर हैं। दोनों इस्कॉन मंदिर से जुड़े हैं। वह साल में दो बार भारत आते हैं। बराती के रूप में आए युवक- युवती भी योगा विशेषज्ञ हैं।