महाराज की महासमाधि
पंजाब के दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के प्रमुख आशुतोष महाराज को डॉक्टर आज से ठीक एक साल पहले चिकित्सीय रूप से मृत (क्लीनिकली डेड) घोषित कर चुके हैं। लेकिन, संस्थान का दावा है कि महाराज गहन समाधि में हैं और वह भक्तों को दर्शन जरूर देंगे। उनका शव जालंधर के
पंजाब के दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के प्रमुख आशुतोष महाराज को डॉक्टर आज से ठीक एक साल पहले चिकित्सीय रूप से मृत (क्लीनिकली डेड) घोषित कर चुके हैं। लेकिन, संस्थान का दावा है कि महाराज गहन समाधि में हैं और वह भक्तों को दर्शन जरूर देंगे। उनका शव जालंधर के नूरमहल स्थित संस्थान के मुख्यालय में एक फ्रीजर में रखा गया है।
बहरहाल आस्था के आगे अभी भी महाराज की महासमाधि का रहस्य बरकरार है :
आशुतोष महाराज :
मूलरूप से बिहार के मधुबनी जिला स्थित लखनौर के रहने वाले आशुतोष महाराज की शादी आनंदी देवी से हुई।
मई 1970 में उनका पुत्र हुआ और जुलाई 1970 में वह घर छोड़कर चले गए। उनका कथित पुत्र दिलीप झा गांव में ही किराने की दुकान चलाता है।
महासमाधि! महाराज की
मामले पर एक नजर
29 जनवरी, 2014 : देर रात सतगुरु प्रताप सिंह अपोलो अस्पताल, लुधियाना के डॉक्टरों की एक टीम ने महाराज को चिकित्सीय रूप से मृत घोषित किया।
30 जनवरी : संस्थान ने कहा, महाराज गहन समाधि में गए।
2 फरवरी : संस्थान ने माना महाराज को फ्रीजर में रखा गया।
1 दिसंबर : हाई कोर्ट ने 15 दिन में महाराज का अंतिम संस्कार करने का आदेश दिया। सरकार ने बताया कानून व्यवस्था को खतरा।
15 दिसंबर : हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने उस फैसले पर रोक लगाई। मामले की सुनवाई 9 फरवरी, 2015 को होगी।
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान आशुतोष महाराज ने 1983 में पंजाब के नूरमहल में दिव्य ज्योति जागृति संस्थान का शुभारंभ किया।
संस्थान के अब देशभर में 350 आश्रम। पंजाब में 65 आश्रम। कई अंतरराष्ट्रीय केंद्रों के साथ दिल्ली में इसका मुख्यालय है।
अन्य मामला
कोलकाता में हुगली नदी के तट पर बने आश्रम में 1993 में एक बालक ब्रह्मचारी का शरीर रखा गया था। उनके अनुयायियों का दावा था कि वह गहन समाधि में हैं, लेकिन पुलिस ने आश्रम में प्रवेश कर उसका दाह संस्कार करवाया।