चारधामयात्रा पर सरकार सतर्क, अधिकारी तैनात
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि चारधाम यात्रा के मद्देनजर विभिन्न विभागों में तालमेल बढ़ाने के लिए आयुक्त गढ़वाल को विभागाध्यक्ष की शक्तियां दी जाएं। संवेदनशील स्थानों पर बनाए गए पुलों के समीप सुरक्षित ट्रालियांे की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने चार एसडीएम स्तर के अधिकारियों की चारधाम यात्रा मार्ग
देहरादून। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि चारधाम यात्रा के मद्देनजर विभिन्न विभागों में तालमेल बढ़ाने के लिए आयुक्त गढ़वाल को विभागाध्यक्ष की शक्तियां दी जाएं। संवेदनशील स्थानों पर बनाए गए पुलों के समीप सुरक्षित ट्रालियांे की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने चार एसडीएम स्तर के अधिकारियों की चारधाम यात्रा मार्ग में गोविंदघाट सहित अन्य प्रमुख संवेदनशील स्थलों पर तैनात करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सुनिश्चित किया जाए कि ये अधिकारी अपने तैनाती स्थलों पर लगातार मौजूद रहें।
मंगलवार को बीजापुर में आपदाग्रस्त क्षेत्रों में पुनर्निर्माण कार्यो व चारधाम यात्रा की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही की बारिश ने तैयारियों का टेस्ट लिया, जिसमें सरकार सफल रही। उन्होंने कहा कि शासन के वरिष्ठ अधिकारी यात्रियों के निरंतर संपर्क में रहें और उनसे फीडबैक लें। गोविंदघाट में एसडीएम व घांघरिया में तहसीलदार की तीन माह के लिए तैनाती की जाए। इसी तरह सोनप्रयाग-केदारनाथ, गोविंदघाट-हेमकुंड व जोशीमठ-बदरीनाथ के लिए डीएसपी स्तर के अधिकारी यात्रा के दौरान तैनात किए जाएं। गोविंदघाट में लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता स्तर का अधिकारी पर्याप्त वित्तीय अधिकारों के साथ नियुक्त किया जाए। मौसम व मार्गो की स्थिति के बारे में जानकारी देने वाले होडिर्ंग लगाए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नदियों में मलबा जमा होते रहने से नदियों का तल उथला होता जा रहा है, जिससे नदियां अधिक बरसात में अपना मार्ग बदल लेती हैं। इसलिए नदियों से मलबा निकाला जाना आवश्यक है। आम जनता को भी इसके लिए जागरूक करना होगा। मुख्यमंत्री ने घांघरिया से गोविंदघाट तक व दारमा वैली में बाढ़ नियंत्रण के कार्य करने के निर्देश दिए। घांघरिया हेलीपैड पर डीएसपीटी की व्यवस्था की जाए। बैठक में बताया गया कि बुधवार से सोनप्रयाग से केदारनाथ के लिए पैदल यात्रा प्रारंभ हो जाएगी। एसडीआरएफ व पुलिस के जवानों की संख्या बढ़ा दी गई है। संवेदनशील पुलों के पास स्थापित करने के लिए 15 ट्रालियों की व्यवस्था की गई है। यात्रा मार्ग खोल दिए गए हैं। बरसात के कारण कुछ स्थानों पर बंद रास्तों को एक-दो घंटों के अंतराल में खोला जा रहा है। इसके लिए जेसीबी सहित सारे उपकरण की व्यवस्था की गई है। बदरीनाथ व गोविंदघाट में चार-चार हेलीकाप्टर के लैंड करने की क्षमता है।