नवरात्र में तीसरे दिन करें चन्द्रघण्टा देवी की आराधना
माँ दुर्गा की तीसरी शक्ति का नाम चन्द्रघण्टा देवी है। नवरात्र के तीसरे दिन चन्द्रघण्टा देवी की आराधना, ध्यान व मंत्रजाप किया जाता है।
By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 22 Mar 2017 02:27 PM (IST)Updated: Thu, 30 Mar 2017 09:54 AM (IST)
माँ दुर्गा की तीसरी शक्ति का नाम चन्द्रघण्टा देवी है। नवरात्र के तीसरे दिन चन्द्रघण्टा देवी की आराधना, ध्यान व मंत्रजाप किया जाता है। इनके मस्तक पर घण्टे के आकार का अर्द्धचन्द्रमा सुशोभित है। इसी कारण से इन्हें चन्द्रघण्टा देवी कहा जाता है। देदीप्यमान लावण्यमयी माँ स्वर्ण के समान आलोकित हो रही हैं। इनके दस हाथ हैं। इन दसों हाथों में अनेक अस्त्र-शस्त्र लिये हुए माँ सिंह पर आरूढ़ हैं। देवी माँ राक्षसों के विनाश के लिए युद्ध में प्रस्थान करने को उद्यत हैं। इनके चण्डध्वनि से सभी दुष्ट, दैत्य राक्षस आदि त्रस्त होकर भाग जाते हैं।
माँ के दिव्य स्वरूप का ध्यान हमारी मानसिक वृश्रियों को परिमार्जित करके हमें स्थिर प्रज्ञ बनने की प्रेरणा प्रदान करता है। यह हमने विनम्रता व सौम्यता का विकास करके हमें दिव्य व संस्कारमय जीवन जीने का संदेश प्रदान करता है। माँ के कल्याणकारी स्वरूप का ध्यान हमारे समस्त अमांगलिक विचारों का समूल नाश करके कठिन से कठिन लक्ष्य को भी सुगमता से प्राप्त करने की शक्ति प्रदान करता है।
माँ के देदीप्यमान स्वरूप का ध्यान हमारे जीवन में बाधक कुसंस्कारों को भस्मीभूत करके हमारी जीवनी शक्ति का संवर्धन करता है। यह हमें कर्तव्य के पथ पर निष्ठा व लगन के साथ आगे बढ़ते रहने का संदेश प्रदान करता है। माँ के तेजोमय स्वरूप का ध्यान हमें पतित व निकृष्ट स्थिति से उबारकर हमारी प्रज्ञा को जागृत करके हमें सफलता के मार्ग पर अग्रसर करता है। यह हमें कठिन से कठिन लक्ष्य को भी सुगमता से प्राप्त करने की शक्ति प्रदान करता है।
ध्यान मंत्र
पिण्डजप्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता।।
इस दिन साधक का मन मणिपूर चक्र में स्थित होता है।
- पं अजय कुमार द्विवेदी
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