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नेपाली मंदिर में सहस्त्र चंद्र पूजन अनुष्ठान

गंगा किनारे की 84 घाटों की श्रृंखला में शामिल ललिता घाट स्थित नेपाली मंदिर में शनिवार की दोपहर से ही एक सौ चंद्रमा का पूजन अनुष्ठान जारी है। यह पूजन नेपाल और भारत को भूकंप की दैवी आपदा से बचाने के लिए किया जा रहा है। अनुष्ठान सोमवार को संपन्न

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 27 Apr 2015 11:41 AM (IST)Updated: Mon, 27 Apr 2015 11:44 AM (IST)
नेपाली मंदिर में सहस्त्र चंद्र पूजन अनुष्ठान

वाराणसी। गंगा किनारे की 84 घाटों की श्रृंखला में शामिल ललिता घाट स्थित नेपाली मंदिर में शनिवार की दोपहर से ही एक सौ चंद्रमा का पूजन अनुष्ठान जारी है। यह पूजन नेपाल और भारत को भूकंप की दैवी आपदा से बचाने के लिए किया जा रहा है। अनुष्ठान सोमवार को संपन्न होगा।

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अति प्राचीन नेपाली मंदिर में सहस्त्र चंद्र पूजन अनुष्ठान नेपाल में भूकंप आने के बाद से ही शुरू हो गया था। तांबे के पात्र पर चांदी का एक चंद्रमा और चावल के दानों पर चंद्रमा स्वरूप सिक्कों को स्थापित कर पूजन किया जा रहा है। आचार्य देवनायक शर्मा के नेतृत्व में 15 पुरोहित इस निरंतर अनुष्ठान में जुटे हैं। मंदिर ट्रस्ट के सचिव डा. गोपाल प्रसाद अधिकारी नेपाल में आई त्रासदी को लेकर बेहद चिंतित हैं। मंदिर में चल रहे अनुष्ठान और नेपाल की गतिविधियों को लेकर डा. अधिकारी की वहां के पूर्व गृहमंत्री शारदा सिंह भंडारी से हर एक-दो घंटे की अंतराल पर वार्ता हो रही है।

अन्नपूर्णा दरबार में भूमि शांति अनुष्ठान -

नेपाल और भारत में आए भूकंप के बाद से ही शनिवार को मां अन्नपूर्णा मंदिर में पूजन अनुष्ठान शुरू हो गया है। भूमि शांति अनुष्ठान में 11 बटुक संग आचार्य दीपक शास्त्री शामिल हैं। यह अनुष्ठान सोमवार की दोपहर होने वाली भोग आरती तक चलेगा। महंत रामेश्वर पुरी के अनुसार भूमि शांति अनुष्ठान से पृथ्वी के भीतर मची उथल-पुथल को विराम लगेगा।


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