बुद्धभूमि पर गूंजा बुद्धं शरणं गच्छामि
बुद्ध जयंती के अवसर पर बुद्धभूमि बोधगया बुद्धं शरणं गच्छामि के जयघोष से गुंजायमान रहा। महाबोधि सोसाइटी आफ इंडिया द्वारा रविवार की अल सुबह विश्व शांति के निमित प्रागबोधि से बोधगया तक शांति धम्मयात्रा निकाली गयी। इस धम्मयात्र में ताईवान, श्रीलंका, म्यांमार, भारत सहित अन्य देशों के काफी संख्या में
बोधगया। बुद्ध जयंती के अवसर पर बुद्धभूमि बोधगया बुद्धं शरणं गच्छामि के जयघोष से गुंजायमान रहा। महाबोधि सोसाइटी आफ इंडिया द्वारा रविवार की अल सुबह विश्व शांति के निमित प्रागबोधि से बोधगया तक शांति धम्मयात्रा निकाली गयी। इस धम्मयात्र में ताईवान, श्रीलंका, म्यांमार, भारत सहित अन्य देशों के काफी संख्या में बौद्ध भिक्षु व उपासक-उपासिकाओं ने अपनी सहभागिता सुनिश्चित कराए। धम्मयात्रा में शामिल होने वाले सभी को सोसाइटी द्वारा पेयजल, फल आदि दिए गए।
वहीं, वापसी के क्रम में सुजाता स्तूप के समीप भोजन दिया गया। धम्मयात्र का समापन विश्वदाय धरोहर महाबोधि मंदिर में हुआ। धम्मयात्रा के नेतृत्व कर रहे सोसाइटी प्रभारी भंते बी. मेंदाकर थेरो व भंते राहुल ने बताया कि धम्मयात्रा के साथ ही सोसाइटी द्वारा प्रस्तावित दो दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
महाबोधि मंदिर व जयश्री महाबोधि विहार में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया। दोपहर बाद सोसाइटी परिसर स्थित अनागारिक धम्मपाल सभागार में धम्मदेशना का आयोजन किया गया। धम्मदेशना में महाराष्ट्र से आए भंते वियन बोधि प्रिय थेरो ने भगवान बुद्ध के जीवन और बौद्ध धर्म पर प्रकाश डाले। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिपेक्ष्य भी बुद्ध के उपदेश उतने ही प्रसांगिक है। जितने पहले थे। आज विश्व में फैले तनाव, द्वेष, ङ्क्षहसा आदि पर काबू बुद्ध के उपदेश का अनुसरण से ही संभव है। संध्या बेला में सोसाइटी परिसर के इर्दगिर्द हजारों की संख्या में कैंडिल जलाए गए। वही, दूसरी ओर महाबोधि मंदिर प्रबंधकारिणी समिति द्वारा बुद्ध जयंती को लेकर बोधगया से गया रेलवे स्टेशन तक आगत श्रद्धालुओं के आवागमन हेतु नि:शुल्क बस सेवा शुरू किया। बस सेवा को सचिव एन. दोरजे ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
कलाकारों ने बिखरें जलवे- बुद्ध जयंती को लेकर ताईवान व श्रीलंका से आए कलाकारों द्वारा महाबोधि सोसाइटी परिसर में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सोसाइटी के सदस्य डा. कैलाश प्रसाद ने बताया कि कलाकारों द्वारा भगवान बुद्ध के जीवनवृत्त पर आधारित नृत्य व गीत की प्रस्तुति दी गयी। जिसे देख दर्शकों ने खूब तालियां बजायी। डा. प्रसाद ने बताया कि ताईवान के कलाकारों ने चार व श्रीलंका के कलाकारों ने नौ कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि श्रीलंका के कलाकार कालेज में पढऩे वाले छात्र हैं। जबकि ताईवान के कलाकार स्कूली बच्चें हैं।
अनशन पर बैठे बौद्ध भिक्षु- रविवार को बीटीएमसी के समीप विभिन्न मांगों को लेकर बौद्ध भिक्षु बुद्ध शरण अनशन पर बैठ गए। इसकी सूचना पाकर सदर एसडीओ मकसूद आलम, कार्यपालक पदाधिकारी नपं डा. एसके लाल, सचिव एन. दोरजे, सदस्य डा. अरविन्द कुमार सिंह उनसे वार्ता करने पहुंचे। उनकी मांगों से अवगत हुए। अनशन पर बैठे भिक्षु ने अपनी मांग को बताया। अधिकारियों ने उन्हें जूस पिलाकर अनशन को समाप्त कराया और मांगों पर अमल कर निदान करने का आश्वासन दिया।
महाबोधि सोसाइटी आफ इंडिया परिसर में रविवार की शाम हजारों की संख्या में कैंडिल लैप जलाया गया। कृत्रिम प्रकाश से सोसाइटी परिसर स्थित जयश्री महाबोधि विहार की छटा अलग ही दिख रही थी। कैंडिल लैंप जलाने में आगत नव बौद्ध श्रद्धालुओं ने सहयोग किया। सोसाइटी प्रभारी भंते मेंदाकंर थेरो ने बताया कि रविवार की शाम लगभग पांच हजार कैंडिल जलाया गया।