बांकेबिहारी मंदिर के सेवायत ने रसोई को की अपवित्र
बांकेबिहारी मंदिर के एक सेवायत की हरकत ने समूची धर्मनगरी को शर्मसार कर दिया। मंदिर की रसोई अपवित्र कर दी। उसकी यह हरकत सीसीटीवी में कैद हो गई है। घटना सामने आने के बाद प्रबंधन और सेवायतों में इसे लेकर खलबली मची हुई है। बताया जाता है कि ये हरकत फूलडोल एकादशी के अवसर पर किसी समय की गईं। सेवायत
वृंदावन। बांकेबिहारी मंदिर के एक सेवायत की हरकत ने समूची धर्मनगरी को शर्मसार कर दिया। मंदिर की रसोई अपवित्र कर दी। उसकी यह हरकत सीसीटीवी में कैद हो गई है। घटना सामने आने के बाद प्रबंधन और सेवायतों में इसे लेकर खलबली मची हुई है।
बताया जाता है कि ये हरकत फूलडोल एकादशी के अवसर पर किसी समय की गईं। सेवायत की ओर से मंदिर की रसोई के उस हिस्से को अपवित्र किया गया, जहां पर भोग के बर्तन आदि धोए जाते हैं। इसी स्थान पर गंगाजल को फिल्टर करने का आरओ प्लांट भी लगा है। सेवायत ने वहां जो किया, उसके लिए मंदिर के बाहर ही जाना चाहिए था। बताया जा रहा है कि हरकत के बाद सेवायत फिर ठाकुर जी की सेवा में पहुंच गया था। उसकी इस हरकत को सीसीटीवी ने कैद कर लिया। मंदिर के सेवायत प्रबंधन से इस सेवायत के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। मंदिर प्रबंधक उमेश सारस्वत ने कहा कि जांच कराई जा रही है। सेवायत दोषी पाया जाता है, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मंदिर प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष नंदकिशोर उपमन्यु का कहना है कि ऐसी किसी हरकत की जानकारी उन्हें नहीं है। जांच कराकर उचित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
रविवार शाम बांकेबिहारी मंदिर पर हुजूम में फंसे जालंधर के एक श्रद्धालु का दम घुट गया। बेहोश हुए इस युवक को आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, मगर तब तक वो दम तोड़ चुके थे। इस हादसे के दौरान मंदिर के बाहर अफरा-तफरी मची रही। किसी तरह से माहौल को सामान्य किया गया।
ठा. बांकेबिहारी मंदिर में रविवार शाम हजारों की भीड़ टूट पड़ी। इससे प्रवेश करने और बाहर निकलने में श्रद्धालुओं को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। इसी बीच पंजाब के जालंधर निवासी 36 वर्षीय रवींद्र अपने परिवार के साथ बांकेबिहारी के दर्शन करने मंदिर पहुंचे। श्रद्धालुओं के हुजूम के बीच मंदिर में प्रवेश करने से पहले के प्रवेश द्वार नंबर एक पर वे अचेत हो गए। मंदिर प्रबंधन और परिजन उन्हें तुरंत एक निजी अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। परिजन शव को साथ जालंधर ले गए। मंदिर प्रबंधक उमेश सारस्वत ने बताया कि मंदिर में प्रवेश करने से पहले ही श्रद्धालु को हार्टअटैक आ चुका था।
दरअसल, शनिवार, रविवार के साथ सोमवार को डॉ. अंबेडकर जयंती के होने के कारण लगातार तीन दिन तक अवकाश है। ऐसे में दिल्ली, एनसीआर, हरियाणा, फरीदाबाद,
नोएडा समेत आसपास के जनपदों से हजारों श्रद्धालु मथुरा-वृंदावन के मंदिरों में दर्शन के लिए आए। भीड़ के कारण ही मंदिर में प्रवेश करने एवं निकलने में लोगों का दम घुटने लगा, तो सुरक्षा में तैनात कर्मचारियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
यातायात प्लान पर पुलिस-
प्रशासन ध्यान नहीं देता। पार्किंग ठेकेदारों की दबंगई यथावत जारी है। भीड़ के दौरान मंदिर के अतिनिकट तक टेंपो की रेलमपेल आम बात हो गई है, लेकिन अफसरों का ध्यान इस पर नहीं है। हालांकि मंदिर प्रशासन की जिम्मेदारी मंदिर के भीतर तक सीमित है। वहां व्यवस्था न बिगड़े, इसके लिये 34 गार्डो को तैनात किया गया है। बांके बिहारी मंदिर की खास बात यह कि मंदिर के पांच में से चार द्वार हमेशा खुले रहते हैं। श्रद्धालु किसी भी द्वार से मंदिर में दर्शन को प्रवेश आसानी से कर सकते हैं।