कोई मुराद मांगने नहीं, यात्रियों का भ्ाय दूर करने आया हूं : राहुल
मंदिर में पूजा अर्जन के बाद मीडिया से रूबरू होते हुए राहुल ने कहा केदारनाथ में वह कोई मुराद मांगने नहीं अाए हैं, बल्कि उनकी इस यात्रा का मकसद पर्यटकों का भ्ाय दूर करना है। उन्होंने कहा कि इसलिए मंदिर मार्ग की पांच किलोमीटर की यात्रा हमने पैदल की।
देहरादून। हजारों श्रद्धालुओं के उत्साह और बाबा केदार के जयकारों के बीच वैदिक मंत्रोच्चार के बीच ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ धाम के कपाट शुक्रवार को खोल दिए गए। इससे पहले शुक्रवार सुबह राहुल लिनचोली से पांच किलोमीटर पैदल चलकर केदारनाथ पहुंचे।
गुरुवार को 11 किलोमीटर की पैदल यात्रा के बाद उन्होंने लिनचोली में रात्रि विश्राम किया। इस पर अवसर पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत और उत्तराखंड के राज्यपाल केके पॉल के अलावा रावत कैबिनेट के सहयोगी और गायक कैलाश खेर भी मौजूद थे।
ताकि दर्शकों में भय पैदा न हो
मंदिर में पूजा अर्जन के बाद मीडिया से रूबरू होते हुए राहुल ने कहा केदारनाथ में वह कोई मुराद मांगने नहीं अाए हैं, बल्कि उनकी इस यात्रा का मकसद पर्यटकों का भ्ाय दूर करना है। उन्होंने कहा कि इसलिए मंदिर मार्ग की पांच किलोमीटर की यात्रा हमने पैदल की।
केदारनाथ की यात्रा पूरी तरह सुरक्षित
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने यहां आने वाले भक्तों को भरोसा दिलाया कि आपकी केदारनाथ यात्रा पूरी तरह से सुरक्षित है। इस यात्रा में आपकों किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी। इस मौके पर उन्होंने यहां काम करने वाले मजदूरों को भी यह संदेश दिया कि उनको घबनाने की जरूरत नहीं है। राहुल ने कहा यहां काम करने वाले मजदूरों में घबराहट है। एक चिंता है। उन्होंने कहा कि मैं आपको यह भरोसा दिलाता हूं कि आप निश्चित होकर काम करें।
अफसरों, सेना और मजदूरों को सराहा
यहां तैनात अफसरों, सेना के जवान एवं मजदूरों को राहूल ने सराहना की। उन्होंने कहा कि विषम परिस्थितियों में हमारे अफसर और सेना के जवान मनोयोग से काम करते हैं। उन्होंने कहा कि यहां पर लगे मजदूरों की अथक मेहनत के चलते ही केदारनाथ की यात्रा को और सुगम और सरल बनाया जा सका है।
इसके चलते केदारनाथ मार्ग यात्रियों के लिए पूरी तरह से सुगम और सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम में पूर्व में आई आपदा में जिन यात्रियों की जानें गईं इसका अफसोस है। मैं उनकी आत्मा की शांति के लिए बाबा से कामना करता हूं।
भीड़ में फंसे राहुल -
मंदिर के कपाट खुलते ही दर्शनों के लिए कतार में खड़े श्रद्धालुओं के सब्र का बांध टूट गया और वहां भीतर प्रवेश के लिए धक्का मुक्की होने से लगी। इससे कुछ देर के लिए राहुल गांधी भी फंस गए। हालांकि तत्काल ही सुरक्षा कर्मी उन्हें घेरे में लेकर मंदिर के भीतर चले गए।केदारनाथ धाम में राहुल गांधी, देखें तस्वीरें
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