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25 वर्ष से पहेली बना है अयोध्या का ध्वंस कांड

महंत धर्मदास ने इस भेंट को अत्यंत सौहार्दपूर्ण बताया और विश्वास जताया कि रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की ईंट उनके साथ हाजी महबूब भी रखेंगे।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 20 Apr 2017 12:11 PM (IST)Updated: Thu, 20 Apr 2017 12:21 PM (IST)
25 वर्ष से पहेली बना है अयोध्या का ध्वंस कांड
25 वर्ष से पहेली बना है अयोध्या का ध्वंस कांड

अयोध्या। विवादित ढांचा ध्वंस कांड जितना ज्वलंत था, उतना ही रहस्यमय। इसमें कोई शक नहीं कि 1984 से रामजन्मभूमि के आग्रह को आंदोलन का स्वरूप विहिप नेताओं ने दिया। प्रारंभ से ही यदि इस आंदोलन के पीछे आरएसएस का नेतृत्व रहा, तो कालांतर में भाजपा नेतृत्व ने भी बगैर किसी हिचक के मंदिर आंदोलन की बागडोर संभाली। लालकृष्ण आडवाणी जैसे नेता ऐसे लोगों में अग्रणी रहे और उन्होंने 1990 में सोमनाथ से अयोध्या तक के लिए रथयात्रा निकाल कर मंदिर आंदोलन को जनांदोलन की शक्ल दी।

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यद्यपि उनकी रथयात्रा अयोध्या तक नहीं पहुंच सकी और वे समस्तीपुर में ही गिरफ्तार कर लिए गए पर उनका इकबाल पूरी रौ में रामनगरी तक पहुंचा और वे राष्ट्रीय नायक के तौर पर प्रतिष्ठित हुए।

..तो मंदिर आंदोलन के प्रमुख शिल्पी बनकर उभरे विहिप के तत्कालीन सुप्रीमो अशोक सिंहल की हैसियत हिंदू हृदय सम्राट की बनी। दिग्गज संत रामचंद्रदास परमहंस, तत्कालीन गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ, मणिरामदास जी की छावनी के महंत नृत्यगोपालदास आदि भी मंदिर आंदोलन के प्रतीक के तौर पर स्थापित रहे और इन सभी का सामूहिक प्रयास मंदिर आंदोलन को व्यापकता देने के साथ समय-समय पर मंदिर आंदोलन को तेवर प्रदान करता रहा। उसी दौर में राम मंदिर के लिए कुलांचे भरने वाले शिवसेना नेता एवं जिला पंचायत के पूर्व सदस्य संतोष दुबे के मुताबिक उन नारों को अनसुना करना नामुमकिन था और हिंदू होने के नाते हम राम मंदिर के लिए कोई भी कीमत चुकाने को तैयार थे।

बातचीत से ही हल संभव

रामजन्मभूमि -बाबरी मस्जिद विवाद का हल बातचीत से संभव है। यह भरोसा है, बाबरी मस्जिद के मुद्दई हाजी महबूब का। वे टेढ़ीबाजार स्थित अपने आवास पर पहुंचे राममंदिर के पक्षकार महंत धर्मदास एवं ज्योतिष गुरु स्वामी हरिदयाल से मुखातिब थे। उन्होंने कहा, हम एक पार्टी के तौर पर समझौते के लिए तैयार हैं, यह हिंदूओं को तय करना होगा कि समझौते का प्रारूप क्या हो। महंत धर्मदास ने इस भेंट को अत्यंत सौहार्दपूर्ण बताया और विश्वास जताया कि रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की ईंट उनके साथ हाजी महबूब भी रखेंगे। स्वामी हरिदयाल ने भी स्वागत योग्य बताया और कहा, ज्योतिषीय स्थितियां मंदिर-मस्जिद विवाद हल करने के अनुरूप हैं।

रघुवरशरण


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