ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य पर आज आ सकता है फैसला
ज्योतिषपीठ शंकराचार्य पद के विवाद पर मंगलवार को सिविल कोर्ट में फैसला सुनाया जा सकता है। मुकदमे की सुनवाई कर रहे सिविल जज (सीनियर डिवीजन) गोपाल उपाध्याय इससे पहले 28 अप्रैल को मामले में फैसला सुनाने वाले थे, परंतु उचित तैयारी न होने के चलते उसे पांच मई तक बढ़ा
इलाहाबाद। ज्योतिषपीठ शंकराचार्य पद के विवाद पर मंगलवार को सिविल कोर्ट में फैसला सुनाया जा सकता है। मुकदमे की सुनवाई कर रहे सिविल जज (सीनियर डिवीजन) गोपाल उपाध्याय इससे पहले 28 अप्रैल को मामले में फैसला सुनाने वाले थे, परंतु उचित तैयारी न होने के चलते उसे पांच मई तक बढ़ा दिया गया। यह बहुचर्चित मुकदमा स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती बनाम स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती से संबंधित है।
कोर्ट का फैसला क्या होगा, उस पर पक्ष-विपक्ष के साथ दूसरे संत-महात्मा व भक्तों की नजरें टिकी हैं। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि दशकों बाद संभावित इस फैसले के उपरांत कोई नया विवाद नहीं चाहते। दैनिक जागरण से बातचीत में उन्होंने कहा कि शंकराचार्य आस्था व विश्वास का पद है। करोड़ों लोगों की भावनाओं उससे जुड़ी है, इसलिए कोर्ट जो फैसला सुनाए, दोनों पक्ष उसका सम्मान करते हुए आगे किसी अदालत में मामले को लेकर न जाएं। अगर किसी को कोई दिक्कत है तो अन्य पीठ के शंकराचार्य व अखाड़ा परिषद के साथ बैठकर उसका समाधान कराएं। इसको लेकर वह स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती व स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती से संपर्क स्थापित करके आपसी सामंजस्य बनाने का प्रयास करेंगे। इसकी मुहिम भी उन्होंने शुरू कर दी है।