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सबरीमाला पर बोली SC- लैंगिक भेदभाव ना हो तो सबकुछ मंजूर

सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को भी सुनवाई हुई।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 25 Apr 2016 04:48 PM (IST)Updated: Mon, 25 Apr 2016 05:14 PM (IST)
सबरीमाला पर बोली SC- लैंगिक भेदभाव ना हो तो सबकुछ मंजूर

नई दिल्ली। सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को भी सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर प्रबंधन को कहा कि अगर लैंगिक भेदभाव ना हो तो सबकुछ मंजूर है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप वर्गीकरण कर रहे हैं। क्या कोई जैविक घटना भेदभाव का आधार हो सकती है।

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इसके जवाब में मंदिर मैनेजमेंट ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि जिस जगह पर महिलाओं का प्रवेश निषेध है वो पवित्र है और यह परंपरा सैकड़ों सालों से चली आ रही है। मंदिर प्रशासन ने उदाहरण दिया कि जब आर्म्ड फोर्सेस में रिक्रूटमेंट होते हैं तो उसमें 18-24 वर्ष के बीच के लोगों को ही लिया जाता है। यह वर्गीकरण हो सकता है लेकिन इसका कारण सहनशीलता है।

इससे पहले हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि लैंगिक समानता संविधान का संदेश है। मंदिर प्रशासन यह दावा नहीं कर सकता कि महिलाओं को प्रवेश करने से रोकना उसका धार्मिक मामला है।


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