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अक्षय तृतीया पर मथुरा में हुआ सोलह करोड़ से ज्यादा का कारोबार

अक्षय तृतीया पर देसी लुक वाले गहने खूब बिके। ब्रज में जिस तरह के गहने पहनने का रिवाज है, वे तो शगुन के तौर पर खरीदे ही गए, महिलाओं ने अपने राज्य की संस्कृति, परंपरा और पहनावे के हिसाब से भी शगुन पूरा किया। इस बार करीब साठ किलो सोने

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 23 Apr 2015 04:08 PM (IST)Updated: Thu, 23 Apr 2015 04:10 PM (IST)
अक्षय तृतीया पर मथुरा में हुआ सोलह करोड़ से ज्यादा का कारोबार

मथुरा। अक्षय तृतीया पर देसी लुक वाले गहने खूब बिके। ब्रज में जिस तरह के गहने पहनने का रिवाज है, वे तो शगुन के तौर पर खरीदे ही गए, महिलाओं ने अपने राज्य की संस्कृति, परंपरा और पहनावे के हिसाब से भी शगुन पूरा किया। इस बार करीब साठ किलो सोने के आभूषण जनपद में बिक गए।

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ज्वैलर्स इस बिक्री को अपेक्षा के अनुरूप नहीं बता रहे। महिलाओं में देसी लुक वाले गहने पहनने की ललक के कारण ज्वैलर्स राजस्थानी, मप्र, गुजरात, काठियावाड़ी, मारवाड़ी, बंगाली और हरियाणवी शैली के आभूषण भी रख रहे हैं। सभी की अपनी डिमांड और इच्छा है। वैरायटी कम न पड़ जाए, इसका ख्याल भी इस अक्षय तृतीया पर खूब रखा गया। सभी बड़े ज्वैलर्स ने इस अवसर पर स्कीम तो निकाली हीं, राज्यवार पहनावे के अनुसार भी वैरायटी ग्राहकों को उपलब्ध कराई। उनकी मानें तो इसी के कारण वह ठीकठाक कारोबार करने में सफल रहे। क्योंकि पिछले साल की अक्षय तीज के मुकाबले इस बार सोना जरूर करीब तीन हजार रुपये प्रति दस ग्राम कम था, पर भाव स्थिर होने और उतार-चढ़ाव न होने से ग्राहकों में सोने के आभूषण खरीदने की ललक नहीं रही है। यही वजह रही कि इस बार ज्वैलर्स के यहां ग्राहकों की संख्या तो बढ़ी, पर कुल कारोबार पिछले साल के अनुरूप नहीं रहा। एक अनुमान के मुताबिक गत वर्ष अक्षय तृतीया पर ज्वैलर्स ने करीब 70 किलो सोने के आभूषण बेच लिए थे, लेकिन इस बार औसतन साठ किलो सोने के जेवर ही बिक सके। इसके हिसाब से जनपद में अक्षय तृतीया पर सोलह करोड़ से कुछ ज्यादा की ही खरीदारी हुई। तनिष्क शोरूम के मालिक निखिल भल्ला ने बताया कि उतार-चढ़ाव में बाजार दौड़ता है। रेट स्थिर होने से इस बार कुछ मंदी रही। उनके यहां स्कीम में खरीदारी खूब हुई। लोगों ने छोटी खरीद कर शगुन पूरा किया।

कोषदा ज्वैलर्स के निदेशक माधव बंसल ने बताया कि अक्षय तीज पर वैरायटी आयटम ज्यादा बिके। महिलाओं ने छोटे आयटम लेने में रुचि दिखाई, लेकिन इस बार ग्राहकों की संख्या पहले से ज्यादा थी। समृद्धि ज्वैलर्स के लोकेश गर्ग के अनुसार अपने पहनावे और परंपरा के अनुसार महिलाएं गहने पहनने में ज्यादा रुचि लेती हैं, लिहाजा सभी तरह की वैरायटी रखना आम बात है।


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