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केदारनाथ आपदा के बाद धाम के लिए बढ़ा हवाई सेवाओं का क्रेज

केदारनाथ यात्रा शुरू होने में अब मात्र 13 दिन बचे हैं। वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा के बाद धाम के लिए हवाई सेवाओं का क्रेज काफी बढ़ गया है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 20 Apr 2017 12:35 PM (IST)Updated: Thu, 20 Apr 2017 12:35 PM (IST)
केदारनाथ आपदा के बाद धाम के लिए बढ़ा हवाई सेवाओं का क्रेज
केदारनाथ आपदा के बाद धाम के लिए बढ़ा हवाई सेवाओं का क्रेज

 रुद्रप्रयाग  केदारनाथ का हवाई सफर लगातार महंगा हो रहा है और वैष्णो देवी का सस्ता। इस वर्ष भी वैष्णो देवी के लिए हवाई किराये में सौ रुपये की कटौती की गई है। जबकि, केदारनाथ के लिए हवाई किराया बढ़ाने की तैयारी है। जाहिर है इसका खामियाजा बाबा केदार की चौखट पर आने वाले उन भक्तों को भुगतना पड़ेगा, जो पैदल यात्रा नहीं कर सकते।

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केदारनाथ यात्रा शुरू होने में अब मात्र 13 दिन बचे हैं, लेकिन हवाई सेवाएं कैसे संचालित होंगी, इसकी रूपरेखा तक तय नहीं। वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा के बाद धाम के लिए हवाई सेवाओं का क्रेज काफी बढ़ गया है। ज्यादातर यात्री बाबा के दर्शनों के लिए हवाई सेवा को ही प्राथमिकता दे रहे हैं। कारण, केदारनाथ पैदल मार्ग की दूरी बढऩे के साथ ही यह रास्ता काफी कठिन भी है। 

बीते वर्ष केदारनाथ आने वाले कुल तीन लाख नौ हजार यात्रियों में से एक लाख ने हवाई सेवा के माध्यम से बाबा के दर्शन किये। लेकिन, दूसरी ओर एविएशन कपंनियों पर सरकार का नियंत्रण न होने से हवाई सफर लगातार महंगा होता जा रहा है।

वैष्णो देवी की बात करें तो वहां का हवाई किराया 1077 रुपये है, जबकि केदारनाथ जाने के लिए 8500 रुपये चुकता करने होते हैं। हालांकि, केदारपुरी व वैष्णो देवी के लिए संचालित हो रही सेवाओं की परिस्थितियों में कुछ अंतर भी है। वैष्णो देवी के लिए कटरा से सांझीछत तक का हवाई सफर पांच मिनट का है, जबकि केदारनाथ का आठ मिनट का। लेकिन, किराये की बात करें तो दोनों जगह का अंतर आठ गुना से अधिक है। 

इसका प्रमुख कारण केदारनाथ के लिए वैष्णो देवी की तर्ज पर श्राइन बोर्ड का न होना है। जो हवाई सेवाओं पर नियंत्रण कर सके। वैष्णो देवी में श्राइन बोर्ड हवाई कंपनियों को हेलीपैड से लेकर सुरक्षा, डॉक्टर, फायर आदि सुविधाएं उपलब्ध कराता है। साथ ही हर साल टेंडर जारी कर सिर्फ उन्हीं दो कंपनियों को हवाई सेवाओं की जिम्मेदारी सौंपता है, जिनके पास पर्याप्त हेलीकॉप्टर हों। 

जबकि, केदारनाथ के लिए हवाई कंपनियों को सरकार की ओर से केवल अनुमति दी जाती है। हेलीपैड से लेकर अन्य सभी व्यवस्थाएं स्वयं कंपनियां करती हैं और इसका फायदा उठाकर मनमर्जी का किराया भी वसूलती हैं। विदित हो कि केदारनाथ के लिए आपदा के बाद से 13 हवाई कपनियां सेवायें दे रही है, जिनके पास सिर्फ एक ही हेलीकॉप्टर है।

सरकार नहीं देती सुविधाएं 

ट्रांस भारत हवाई कंपनी के वरिष्ठ प्रबंधक बृजमोहन बिष्ट के मुताबिक  वैष्णो देवी व केदारनाथ के लिए हवाई सेवाओं में भारी अंतर है। यहां पर कोई भी सुविधा सरकार की ओर से नहीं दी जाती। कंपनियां हेलीपैड, सुरक्षा, डॉक्टर की व्यवस्था आदि स्वयं करती हैं। जाहिर है किराया भी अधिक होगा। जबकि, वैष्णो देवी में हवाई कंपनियों को ऐसा कुछ नहीं करना पड़ता। इस बार भी किराया बढ़ने की पूरी संभावना है।

सरकार को करने होंगे प्रयास 

प्रभातम एविएशन प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व प्रबंधक कैप्टन भूपेंद्र सिंह के अनुसार केदारनाथ में यदि हवाई सफर को सस्ता करना है तो सरकार को प्रयास करना होगा। हवाई कंपनियों को सभी सुविधाएं मुहैया करानी होंगी। यदि ऐसा होता है तो जरूर किराया कम होगा। अन्यथा किराया बढ़ता ही रहेगा।


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