विष्णु पुराण के अनुसार ऐसी वस्तुओं को किसी भी हाल में नहीं बेचे
विष्णु पुराण के अनुसार जो व्यक्ति दूसरों के विषय में सोचता है, जो स्वार्थ से बिल्कुल दूर है, वहीं व्यक्ति सफलता प्राप्त कर सकता है।
हिन्दू धर्म से जुड़े अनेक ग्रंथ मौजूद हैं, जिनमें जीवन के लिए बहुत उपयोगी बातों का जिक्र है। विष्णु पुराण की बात करें तो यह ग्रंथ मुख्यतौर पर भगवान विष्णु और उनके समस्त अवतारों से संबंधित पौराणिक ग्रंथ है।
यह स्वयं भगवान विष्णु के वचनों का संग्रह है, जो उन्होंने अपनी अर्धांग़िनी, माता लक्ष्मी, अपने वाहन गरुण और नारद से कहे थे। विष्णु पुराण में लिखी बातें कलियुग में बहुत कारगर साबित हो सकती हैं। अगर इन्हें अपने जीवन में भली प्रकार से लागू किया जाए तो यह मानव के जीवन में घुल चुकी परेशानी और तनाव रूपी जहर का काट बन सकती हैं। विष्णु पुराण की रचना महर्षि वेद व्यास द्वारा की गई है, जिसमें सही-गलत जैसी बातों का उल्लेख है और साथ ही जीवन को सही और धार्मिक मार्ग पर कैसे चलाया जा सकता है इस बात का उल्लेख भी है।विष्णु पुराण के अनुसार जो व्यक्ति दूसरों के विषय में सोचता है, जो स्वार्थ से बिल्कुल दूर है, वहीं व्यक्ति कलियुग में सफलता प्राप्त कर सकता है।
इतना ही नहीं विष्णु पुराण के अंतर्गत कुछ ऐसी वस्तुओं का जिक्र भी है जिन्हें किसी भी हाल में बेचा नहीं जाना चाहिए। आप गरीबी के हालातों से भले ही जूझ रहे हों, लेकिन अगर आप इन्हें बेचते हैं तो यह आपके लिए पाप माना जाना जाएगा। विष्णु पुराण के अनुसार फल और सब्जियां प्रकृत्ति की अनूठी देन हैं। प्रकृत्ति जिसे “मां” का दर्जा दिया जाता है, उसने फल-सब्जियां भूखे और असहाय लोगों की भूख मिटाने के लिए उत्पन्न की हैं। इन्हें किसी भी हाल में बेचा नहीं जाना चाहिए।गरीब व्यक्ति को नमक बेचना अपराध है। अगर नमक का दान किया जाए तो यह उत्तम है।किसी जरूरतमंद या असहाय व्यक्ति को दवाइयां बेचना या उसकी स्थिति का फायदा उठाते हुए पैसे कमाना, भगवान विष्णु की नजरों में अपराध है।किसी भी जानवर का मांस बेचना भगवान विष्णु की नजरों में बहुत ही घृणित अपराध है। अपने भोजन के लिए किसी निर्दोष जानवर का वध महापाप है।हिन्दू धर्म में कुछ खाद्य पदार्थों को अत्याधिक शुभ और पवित्र माना गया है। इन्हें किसी भी रूप में बेचा या ग्रहण नहीं किया जा सकता, ये केवल ईश्वर के लिए होते हैं।विष्णु पुराण के अनुसार धन के लालच में गुड़ को कभी नहीं बेचना चाहिए। इसके अलावा सफेद तिल को बेचना भी हिन्दू धर्म के अनुसार सही नहीं है।