आज जन्माष्टमी मनाना श्रेष्ठ, जानिए क्यों...
धर्मशास्त्र के अनुसार इस बार बुधवार के दिन जन्माष्टमी मनाना श्रेयस्कर रहेगा।
उज्जैन। भादौ मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी पर मध्यरात्रि में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की मान्यता है। धर्मशास्त्र के अनुसार इस बार बुधवार के दिन जन्माष्टमी मनाना श्रेयस्कर रहेगा। तिथि तथा वार की शास्त्रोक्त गणना से बुधवार की अष्टमी विशेष मानी गई है।
ज्योतिषियों के अनुसार उपवास व आराधना के लिए यह दिन श्रेष्ठ है। ज्योतिषाचार्य पं.अमर डब्बावाला के अनुसार बुधवार के दिन जनमाष्टमी मध्य रात्रि में कृतिका नक्षत्र के साथ आ रही है। मुहूर्त चिंतामणी तथा पुरुषार्थ चिंतामणी में हेमाद्री व माधव का मत है कि अष्टमी तिथि पर मध्यरात्रि में मुहूर्त मात्र भी संयोग बन रहा हो, फिर चाहे कृतिका नक्षत्र ही क्यों ना हो वह अष्टमी शुद्ध रूप से उपवास व आराधना करने वाली मानी गई है। उसमें भी बुधवार का दिन तथा रात में लगने वाली अष्टमी श्रेष्ठ मानी गई है। इस दृष्टि से आज मध्यरात्रि में कृतिका नक्षत्र के साथ आ रही अष्टमी शास्त्रोक्त है।
मथुरा-वृंदावन की पोषाक से सजी दुकानें
इस बार बाजार में भगवान बाल गोपाल के लिए मथुर-वृंदावन की पोषाक बिकने आई हैं। इनमें जरी व मखमल की पोशाकें ज्यादा पसंद की जा रही हैं। 5 रुपए से 5 हजार रुपए तक की पोषाकें उपलब्ध हैं। बाल गोपाल की मूर्तियां 70 से 2000 रुपए में मौजूद हैं।