सबरीमाला केस, सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर फैसला रखा सुरक्षित
सबरीमाला मंदिर परंपरा के मुताबिक दस से पचास आयु वर्ग की महिलाओं का मंदिर में प्रवेश पर पूरी तरह वर्जित है।
दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध वाले मामले पर सुनवाई के बाद फैसले को सुरक्षित रखा लिया। दसअसल सुप्रीम कोर्ट अभी इस पशोपेश में है कि मामले को संवैधानिक पीठ के पास भेजा जाए अथवा नहीं। कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि मंदिर में महिलाओं को प्रवेश पर प्रतिबंध उनके साथ भेदभाव करने जैसा है।
केरल के यंग लॉयर्स एसोसिएशन ने प्रतिबंध के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 2006 में याचिका दाखिल की थी। केरल यूनाइटेड डेमोक्रैटिक फ्रंट ने लेफ्ट डेमोक्रैटिक फ्रंट से इतर वर्ष 2007 में महिलाओं की मंदिर में प्रतिबंध के खिलाफ एक हलफनामा दाखिल किया था। हालांकि सबरीमाला मंदिर बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में केरल सरकार के इस कदम का विरोध किया है।
सबरीमाला मंदिर परंपरा के मुताबिक दस से पचास आयु वर्ग की महिलाओं का मंदिर में प्रवेश पर पूरी तरह वर्जित है। मंदिर ट्रस्ट का दावा है कि यह परपंरा पिछले 1500 वर्षों से चली आ रही है। साथ ही ट्रस्ट की ओर से महिलाओं के मंदिर में प्रतिबंध के पीछे कुछ धार्मिक कारणों बताये जाते हैं।