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आया लगन, पंडित जी मगन

मेष संक्रांति के बाद लंबे अंतराल पर शुभ लगन का दौर शुरू हो गया है। गली-मोहल्लों शहनाई की धुन सुनाई देने लगी है। अब बिना पंडित जी के तो शादी संभव नहीं, सो उनकी व्यस्तता खूब बढ़ गई है। खास-खास लगन के दिन तो नगर ं सैकड़ों शादियों की धूम

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 21 Apr 2015 04:24 PM (IST)Updated: Tue, 21 Apr 2015 04:34 PM (IST)
आया लगन, पंडित जी मगन

पटना। मेष संक्रांति के बाद लंबे अंतराल पर शुभ लगन का दौर शुरू हो गया है। गली-मोहल्लों शहनाई की धुन सुनाई देने लगी है। अब बिना पंडित जी के तो शादी संभव नहीं, सो उनकी व्यस्तता खूब बढ़ गई है। खास-खास लगन के दिन तो नगर ं सैकड़ों शादियों की धूम है। लिहाजा पंडित जी की खूब पूछ है। यजमान लाइन लगाकर शादी के लिए समय फिक्स करा रहे हैं।

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एक दिन में आधा दर्जन शादी कराने के प्रस्ताव- शहर के लोदीपुर इलाके में पंडित सच्चिदानंद झा का घर है। उनकी व्यस्तता तो पूछिए मत। जब से शुभ लगन आया है, वे फोन पर ही व्यस्त रहते हैं। अधिकांश यजमान शादी के लिए उनसे फोन पर ही समय ले रहे हैं। पंडित सचिदानंद बताते हैं कि एक दिन में आधा दर्जन से ज्यादा शादी कराने के प्रस्ताव हैं। एक दिन में तो एक ही शादी संभव है, लिहाजा वे यजमान का संपर्क अन्य सहयोगी पंडितों से करा दे रहे हैं।

गृह प्रवेश व मुंडन में भी बढ़ी व्यस्तता - कथावाचक पंडित विनोद झा बताते हैं कि शादी के बताते हैं कि इस महीने में शुभ ही शुभ मुहुर्त है। शादी के साथ-साथ जेनऊ, गृह प्रवेश व मुंडन के भी शुभ मुहुर्त चल रहे हैं। लिहाजा पंडित जी उधर भी व्यस्त चल रहे हैं। वे बताते हैं कि जिस हिसाब से इस महीने लगन का दौर है, उस अनुपात में पंडित मिल नहीं रहे। वहीं कुछ पंडित अपने संबंधियों को गांव से न्योता देकर शादी के मौसम को कैश करने में लगे हैं।

बाहर से भी मिल रहा बुलावा- पंडित जी की पूछ सिर्फ अपने नगर में ही नहीं, बल्कि बाहर भी हो रही है। दरभंगा, बेगुसराय, मुजफ्फरपुर, आरा आदि शहरों के अलावा देश की राजधानी दिल्ली से भी शादी कराने के लिए बुलावा मिल रहे हैं। पंडित सिद्धार्थ झा के अनुसार बाहर से बुलावे आने पर दक्षिणा अधिक होती है। हालांकि, यह यजमान इच्छा पर निर्भर है। कई संपन्न यजमान शहर से बाहर बुलाने पर आने-जाने की फ्लाइट का टिकट देते हैं।

दक्षिणा- एक नजर, एक शादी के लिए 5100 रुपये या अधिक, सहयोगी को (यदि साथ में है), 2100 रुपये या अधिक, (नोट -दक्षिणा यजमान की इच्छा पर निर्भर है। यहां हम सामान्य प्रचलित दक्षिणा की चर्चा कर रहे हैं।)


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