अशुभ पंचक में भी कर सकते हैं ये शुभ कार्य, 16 जुलाई तक रहेगा पंचक
12 जुलाई से पंचक शुरु हो रहा है। इसे भले ही अशुभ माना जाता है लेकिन कुछ शुभ कार्य हैं जो आप इन दिनों कर सकते हैं।
ये शुभ कार्य कर सकते हैं पंचक में
पंचक में आने वाले नक्षत्रों में शुभ कार्य हो सकते हैं। पंचक में आने वाला उत्तराभाद्रपद नक्षत्र वार के साथ मिलकर सर्वार्थसिद्धि योग बनाता है, वहीं धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद व रेवती नक्षत्र यात्रा, व्यापार, मुंडन आदि शुभ कार्यों में श्रेष्ठ माने गए हैं। पंचक को भले ही अशुभ माना जाता है, लेकिन इस दौरान सगाई, विवाह आदि शुभ कार्य भी किए जाते हैं। पंचक में आने वाले तीन नक्षत्र पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद व रेवती रविवार को होने से आनंद आदि 28 योगों में से 3 शुभ योग बनाते हैं, ये शुभ योग इस प्रकार हैं- चर, स्थिर व प्रवर्ध। इन शुभ योगों से सफलता व धन लाभ का विचार किया जाता है।
पांच प्रकार के होते हैं पंचक :
रोग पंचक :
अगर पंचक का प्रारंभ रविवार से हो रहा होता है तो यह रोग पंचक कहा जाता है। इसके प्रभाव में आकर व्यक्ति शारीरिक और मानसिक परेशानियों का सामना करता है। इस दौरान किसी भी प्रकार का शुभ कार्य निषेध माना गया है। मांगलिक कार्यों के लिए यह पांच दिन अनुपयुक्त हैं।
राज पंचक :
सोमवार से शुरू हुआ पंचक राज पंचक होता है, यह पंचक काफी शुभ माना गया है। ऐसी मान्यता है कि इस दौरान सरकारी कार्यों में सफलता हासिल होती है और बिना किसी बाधा के संपत्ति से जुड़े मसलों का निदान होता है।
अग्नि पंचक :
मंगलवार से शुरू हुए पंचक के दौरान आग लगने का भय रहता है जिसकी वजह से इस पंचक को शुभ नहीं कहा जा सकता। इस दौरान औजारों की खरीददारी, निर्माण या मशीनरी का कार्य नहीं करना चाहिए। हां, इस दौरान कोर्ट-कचहरी से जुड़े मामलों और अधिकार हासिल करने जैसे मसलों की पहल की जा सकती है, क्योंकि उनमें सफलता मिलने की संभावना होती है।
मृत्यु पंचक :
शनिवार से शुरू हुआ पंचक सबसे ज्यादा घातक होता है क्योंकि इसे मृत्यु पंचक कहा जाता है। अगर इस दिन किसी कार्य की शुरुआत की गई तो व्यक्ति को मृत्यु तुल्य परेशानियों से गुजरना पड़ता है। शनिवार से शुरू हुए पंचक के दौरान कोई भी जोखिम भरा कार्य नहीं करना चाहिए। व्यक्ति को चोट लगने, दुर्घटना होने और मृत्यु तक की आशंका रहती है।
चोर पंचक :
ज्योतिषशास्त्रियों के अनुसार शुक्रवार से शुरू हुए पंचक, जिसे चोर पंचक कहा जाता है, के दौरान यात्रा नहीं करनी चाहिए। इसके अलावा धन से जुड़ा कोई कार्य भी पूर्णत: निषेध ही माना गया है। ऐसी मान्यता है कि इस दौरान धन की हानि होने की संभावनाएं प्रबल रहती हैं।
अगर पंचक बुधवार या बृहस्पतिवार से प्रारंभ हो रहे हैं तो उन्हें ज्यादा अशुभ नहीं कहा जाता। पंचक के मुख्य निषेध कर्मों को छोड़कर कोई भी कार्य किया जा सकता है।