Move to Jagran APP

घर में भगवान के फोटो जरूरी क्यों, भगवान के फोटो कहां व क्यों न लगाएं?

हर घर में भगवान की तस्वीरें होती ही हैं। धर्म चाहे कोई भी हो घर में धार्मिक प्रतीक रखना सभी धर्मों में शुभ माना जाता है। हिंदू के घर देवी-देवताओं की, मुस्लिम के घर मक्का-मदीना, सिखों के घर वाहे गुरु तो इसाई परिवारों में जीसस क्राइस्ट की तस्वीरें मिलती हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 04 Mar 2015 12:15 PM (IST)Updated: Wed, 04 Mar 2015 12:27 PM (IST)
घर में भगवान के फोटो जरूरी क्यों, भगवान के फोटो कहां व क्यों न लगाएं?

हर घर में भगवान की तस्वीरें होती ही हैं। धर्म चाहे कोई भी हो घर में धार्मिक प्रतीक रखना सभी धर्मों में शुभ माना जाता है। हिंदू के घर देवी-देवताओं की, मुस्लिम के घर मक्का-मदीना, सिखों के घर वाहे गुरु तो इसाई परिवारों में जीसस क्राइस्ट की तस्वीरें मिलती हैं। कभी सोचा है आखिर घरों में भगवानों की ये तस्वीरें लगाई ही क्यों जाती हैं?

prime article banner

यह एक मनोवैज्ञानिक तथ्य है भगवान की तस्वीरें जहां भी लगाई जाएं वे सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं।

वास्तुशास्त्र के अनुसार घर में छोटे-छोटे बदलाव करके आप अद्भुत मानसिक शांति महसुस कर सकते है। घर में देवी-देवताओं की तस्वीर तो सभी लगाते है। देवताओं की सही दिशा में सही तस्वीर लगाकर कोई भी अपना जीवन सुख-समृद्धि से पूर्ण बना सकता हैं

हम उन्हें देखकर ही यह एहसास कर लेते हैं कि भगवान सब ठीक कर देगा। ये तस्वीरें अप्रत्यक्ष रूप से हमें आत्मबल प्रदान करती हैं। दूसरा कारण है कि पुराने जमाने के लोगों ने यह परिपाटी शुरू की थी। इसके पीछे कारण था कि जब तक भगवान हमारे सामने रहेंगे हम अनैतिक कार्यो से दूर रहने का प्रयास करेंगे। पाप-पुण्य के भय से आदमी गलत काम नहीं करता है। इस तरह ये तस्वीरें हमें शक्ति प्रदान करती हैं गलत को छोडऩे और सही राह पर चलने की।

भगवान के फोटो कहां और क्यों न लगाएं?-

हमारी धार्मिक मान्यताओं में एक यह भी है कि अपने शयनकक्ष यानी बेडरूम में भगवान की कोई प्रतिमा या तस्वीर नहीं लगाई जाती। केवल स्त्री के गर्भवती होने पर बालगोपाल की तस्वीर लगाने की छूट दी गई है। आखिर क्यों भगवान की तस्वीर अपने शयनकक्ष में नहीं लगाई जा सकती है? इन तस्वीरों से ऐसा क्या प्रभाव होता है कि इन्हें लगाने की मनाही की गई है?

वास्तव में यह हमारी मानसिकता को प्रभावित कर सकता है। इस कारण भगवान की तस्वीरों को मंदिर में ही लगाने को कहा गया है, बेडरूम में नहीं। चूंकि बेडरूम हमारी नितांत निजी जिंदगी का हिस्सा है जहां हम हमारे जीवनसाथी के साथ वक्त बिताते हैं।

बेडरूम से ही हमारी सेक्स लाइफ भी जुड़ी होती है। अगर यहां भगवान की तस्वीर लगाई जाए तो हमारे मनोभावों में परिवर्तन आने की आशंका रहती है। यह भी संभव है कि हमारे भीतर वैराग्य जैसे भाव जाग जाएं और हम हमारे दाम्पत्य से विमुख हो जाएं। इससे हमारी सेक्स लाइफ भी प्रभावित हो सकती है और गृहस्थी में अशांति उत्पन्न हो सकती है। इस कारण भगवान की तस्वीरों को मंदिर में ही रखने की सलाह दी जाती है।

जब स्त्री गर्भवती होते है तो गर्भ में पल रहे बच्चे में अच्छे संस्कारों के लिए बेडरूम में बाल गोपाल की तस्वीर लगाई जाती है। ताकि उसे देखकर गर्भवती महिला के मन में अच्छे विचार आएं और वह किसी भी दुर्भावना, चिंता या परेशानी से दूर रहे। मां की अच्छी मानसिकता का असर बच्चे के विकास पर पड़ता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.