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प्रदोष में भगवान शिव के पूजन के लाभ

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बड़ा महत्‍व है। कल 6 जून मंगलवार को इसका व्रत व भगवान श‍िव जी की पूजा की जाएगी। जानें इस द‍िन भगवान शिव के पूजन से लाभ

By shweta.mishraEdited By: Published: Tue, 23 May 2017 11:37 AM (IST)Updated: Tue, 06 Jun 2017 09:00 AM (IST)
प्रदोष में भगवान शिव के पूजन के लाभ
प्रदोष में भगवान शिव के पूजन के लाभ

 प्रदोष व्रत स्‍त्री पुरुष दोनों कर सकते: 

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शास्‍त्रों में प्रदोष व्रत बड़ा शुभ व महत्वपूर्ण है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह व्रत हर माह शुक्ल एवं कृष्ण दोनों पक्षों की त्रयोदशी यानी कि 13वें दिन रखा जाता है। इस दिन देवाधिदेव महादेव जी की विधिविधान से पूजा होने से वह जल्‍दी खुश हो जाते हैं। इस व्रत को स्‍त्री पुरुष दोनों कर ही सकते हैं। प्रदोष व्रत से जीवन में कई दोषों व सकंटों से छुटकारा मिलता है।  


उतर-पूर्व दिशा की ओर मुंह कर बैठें: 

प्रदोष व्रत करने के लिए त्रयोदशी के दिन प्रात: काल उठना चाहिए। इसके बाद स्‍नान ध्‍यान करने के बाद शिव जी का स्मरण करें। इसके बाद पूजन स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें व चौकी रख मंडप बनाएं। इसे रंगोली से सजाएं। इसके बाद कुश के आसन उतर-पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठे। फिर 'ऊँ नम: शिवाय' का जाप करते हुए शिव जी की पूजा करें।  


दो गायों को दान देने के समान पुन्य: 

इस दिन उपवास रखने के पीछे एक यह भी मान्‍यता है कि दो गायों को दान देने के समान पुन्य फल प्राप्त होता है। इसके अलावा जब धरती पर चारों ओर अन्‍याय होगा। हर तरफ अधर्म का वर्चस्‍व होगा व लोग स्‍वार्थ में डूबकर गलत काम करेंगे। इन स्‍थितियों में प्रदोष व्रत रखने वालों पर शिव जी की विशेष कृपा होगी। भगवान उनके आगे हमेशा ढाल बन कर रहेंगे। 


वारों के हिसाब से अलग-अलग फल: 

रविवार को प्रदोष व्रत से आयु वृद्धि व अच्छा स्वास्थ्य होता है। सोमवार को आरोग्य होने के साथ ही सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है। मंगलवार को रोगों से मुक्ति व बुधवार को सभी कामनाओं की पूर्ति होती है। गुरुवार को शत्रुओं का विनाश होता है। शुक्रवार को सौभाग्य और दाम्पत्य जीवन की सुख-शान्ति और शनिवार को व्रत रखने से संतान की कामना पूरी होती है। 


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