रामलक्ष्मण द्वादशी पर करें इस मंत्र का जाप, अटके काम बनेंगे
मोक्ष प्राप्त करने के लिये मनुष्य क्या कुछ नहीं करता है पर हम आप को आज मोक्ष प्राप्त करने के लिये एक साधारण से उपाय बताने जा रहे हैं। जिसमें आप को चंपा के फूलों से भगवान कृष्ण की पूजा करनी है।
चंपा के फूलों से होती है पूजा
पौराणिक मतानुसार जेष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की बारहवीं तिथि को चंपक द्वादशी कहते हैं। शास्त्रों में इस दिन भगवान गोविंद विट्ठलनाथजी अर्थात भगवान श्रीकृष्ण का चंपा के फूलों से पूजन व श्रृंगार करने का विधान बताया गया है। शास्त्रों ने इस पर्व को राघव द्वादशी या रामलक्ष्मण द्वादशी के नाम से भी संबोधित किया गया है। इस दिन विष्णु के अवतार श्रीराम तथा शेषनाग के अवतार श्री लक्ष्मण की मूर्तियों का विधिवत पूजन करने का विधान है। ऐसी मान्यता है कि चंपक द्वादशी के दिन चंपा के फूलों से विधिवत भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने से व्यक्ति को मोक्ष प्राप्त होता है।
इस पूजन से हर कार्य होता है सिद्ध
चंपा के फूलों से पूजन करने से उसे विष्णु लोक में जगह मिलती है। चंपक द्वादशी पर किए गए विधिवत पूजन से व्यक्ति के सकल कार्य सिद्ध होते हैं। जो कार्य लंबे समय से लंबित पड़ें हैं वो जल्द ही संपूर्ण होकर सिद्ध भी होते हैं। भगवान विट्ठलेश श्रीकृष्ण का विधिवत पूजन कर उन पर चंपा फूलों के फूलों की माला चढ़ाएं अगर चंपा के फूल संभव न हों तो पीले-सफ़ेद फूलों की माला चढाएं। यह उपाय मध्यान के समय करें। पूजा संपूर्ण होने के बाद हल्दी अथवा पीत चंदन की माला से इस मंत्र का तेह संभव जाप करें। जल्द ही सकल कार्य सिद्ध होंगे। यह मंत्र देवऋषि नारद द्वारा रचित पञ्चरात्रे कृष्ण स्तोत्र से है।
इस मंत्र का करें उच्चारण
वंदे नवघनश्यामम् पीत कौशेयवाससम्। सानंदम् सुंदरम् शुद्धम् श्रीकृष्णम् प्रकृतेः परम्॥