इस तरह हनुमानजी हरेक भक्त की मनोकामना पूरी करते हैं
यहां जीवन की हर कठिन लड़ाई में जीत का वरदान देते हैं हनुमान। इसीलिए तो यहां हनुमान को रणजीत हनुमान कहा जाता है।
बजरंग बली अपने अलग-अलग रूपों में अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। हनुमान जी का हर रूप कल्याणकारी है। हनुमान जी कभी संजीवनी उठाए लक्ष्मण जी के प्राण बचाते नजर आते हैं तो कभी गदा उठाए शत्रुओं का नाश करते हुए दिखाई देते हैं। जानिए हनुमान जी के रूपों की महिमा के बारे में.लड्डू और झंडा चढ़ाने से भी खुश होते हैं।
लड्डू से प्रसन्न होते हैं हनुमान
ऐसी मान्यता है कि लड्डू चढ़ाने से भक्तों को मनचाहा वरदान मिलता है । उज्जैन के रणजीत हनुमानजी जहां लोग मानते हैं कि जो लड्डू चढ़ाते हैं उन भक्तों को मनचाहा वरदानदेते हैं । बजरंगबली मोतीचूर और बेसन के लड्डूओं से होते हैं प्रसन्न। यूं तो हनुमान जी गुड़ चने के प्रसाद से प्रसन्न होते हैं लेकिन रणजीत हनुमान को सबसे प्रिय है मोतीचूर और बेसन के लड्डू। कहते हैं तुलसी के पत्ते के साथ जो भी भक्त यहां हनुमान को लड्डुओं का भोग लगाता है उसकी मनोकामना पूरी हो जाती है।
यूं तो इस मंदिर में हर दिन ही भक्त अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं लेकिन मंगलवार और शनिवार को यहां विशेष पूजन होता है और जो भी भक्त इस दिन लड्डू का प्रसाद चढ़ाता है उसे मिल जाता है हनुमान का आशीर्वाद और हनुमान पूरी कर देते हैं भक्तों की हर मुराद। उज्जैन में शिप्रा नदी के किनारे विराजने वाले पवनपुत्र हनुमान के इस मंदिर में बारह महीने भक्तों का तांता लगा रहता है। परीक्षा में पास होना हो या मुकदमों में जीत हासिल करना हो, रुके काम पूरे करना हो या दुश्मनों से पार पाना हो, रणजीत हनुमान हर मुराद पूरी करते हैं। यहां जीवन की हर कठिन लड़ाई में जीत का वरदान देते हैं हनुमान। इसीलिए तो यहां हनुमान को रणजीत हनुमान कहा जाता है।
कहते हैं कि एक बार दो राजाओं की लड़ाई में एक राजा जंग हारने की कगार पर पहुंच गया। भागते भागते वह भर्तहरी गुफा में पहुंचा वहां पर एक महात्मा के पास जाकर बैठ गया, महात्मा ध्यान में लीन थे। उन्होंने राजा को कुछ रोटी के टुकड़े दिए और कहा कि इन्हें रास्ते में डालते जाना और जब तक खत्म ना हो जाएं, पीछे मुड़कर मत देखना। जहां ये टुकड़े खत्म होंगे वहां तुम्हें एक मंदिर मिलेगा और वहीं तुम्हारी सारी परेशानियां दूर हो जाएंगी।राजा ने ऐसा ही किया, और जिस मंदिर के बाहर रोटी के टुकड़े खत्म हुए वो हनुमान जी का था, राजा ने पीछे मुड़कर देखा तो एक बड़ी सेना उसके पीछे थी, उसने फिर युद्ध किया और विजय हासिल की। तभी से इस मंदिर को रणजीत हनुमान मंदिर कहा जाने लगा।
रणजीत हनुमान का श्रृंगार भी विशेष होता है, सिंदूर और चमेली के तेल का चोला चढ़ाया जाता है फिर सुंदरता के साथ उनकी मूर्ति को सजाया जाता है। इनकी पूजा का आरंभ सबसे पहले राम जी के फिर हनुमानजी के भजनों से होता है। शनिवार और मंगलवार की शाम 2 से 3 घंटे हनुमान जी के भजनों से पूरा माहौल भक्तिमय हो जाता है।
भक्तों के भक्त हैं हनुमान। छोटी-छोटी सी चीजों से पल भर में हो जाते हैं प्रसन्न। अब हरदोई के हनुमान जी को ही लीजिए यहां झंडा और लड्डू चढ़ाने से भगवान पूरी कर देते हैं अपने भक्तों के दिल की हर इच्छा। कहते हैं कि रणजीत हनुमान के मंदिर में आने वाले कभी खाली हाथ नहीं जाते, बस दिल में भक्ति और पूजा में विशेष लड्डूओं का प्रसाद चढ़ाने से रणजीत हनुमान बना देता हैं सारे बिगड़े काम।
झंडा बनाएगा आपके हर बिगड़े काम
कपड़े का एक छोटा सा झंडा आपको दिला सकता है समस्त कष्टों से मुक्ति और संवार सकता है आपका जीवन. बजरंगबली के दरबार में बस एक दिन की पूजा और लड्डू संग झंडे का चढ़ावा पूरी कर देगा आपकी हर मुराद. उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के संडीला इलाके में इस छोटे से मंदिर की महिमा अनंत है। इस मंदिर में विराजित पवनपुत्र की मूर्ति जितनी चमत्कारी है उतना ही चमत्कारी यहां पूजा का विधि-विधान है.
यहां भक्त लड्डू संग झंडा चढ़ाकर मांगते है बजरंगबली से आशीर्वाद लेकिन झंडे की ऐसी महिमा और चमत्कार आपको साल में केवल एक ही दिन देखने को मिलता है। और वो है भादो मास का आखिरी मंगलवार। कहते हैं जो कोई इस दिन होने वाली झंडा यात्रा में शामिल होकर बजरंगबली के दरबार में झंडा चढ़ा देता है उसकी मुरादों को मिल जाता है पवनपुत्र का आशीर्वाद।
इस मंदिर को भक्त महाविरन मंदिर के नाम से पुकारते हैं। मंदिर में मौजूद हनुमान जी की यह छोटी सी मूर्ति किसने और कब यहां स्थापित की ये तो किसी को नहीं पता लेकिन स्थानीय लोगों का मानना है कि हनुमान की इस प्रतिमा में चमत्कारिक शक्तियों का वास है और यही शक्तियां भक्तों को यहां खींच लाती हैं।
मूंछों वाले हनुमान करेंगे दुख दूर
अलीगढ़ में मूंछों वाले हनुमान की महिमा भक्तों को दूर दूर से खींच लाती है। लड्डू चढ़ाने से संकटमोचन इच्छाएं पूरी करते हैं। यहां तक कि शनि दोषों से भी दिला देते है छुटकारा।
संकटमोचन के इस मंदिर में भक्तों को भगवान के अनोखे रुप के ही दर्शन ही नहीं होते बल्कि यहां उनकी मनोकामनाओं को भी मिलता है बजरंगबली का आशीर्वाद। महावीर के दरबार में बस 11 मंगलवार की पूजा भक्तों के जीवन के दुख दूर कर देती है। और अगर फूलों के साथ लड्डू चढ़ा दिए जाएं तो कहना ही क्या।
हनुमान जी यंहा भक्त आते है मात्र एक लड्डू मात्र से मुराद पूरी होती है। कहते हैं साढ़ेसाती से पीड़ित जातकों के लिए ये मंदिर किसी वरदान से कम नहीं। बजरंगबली का ये रूप करता है शनिदोषों का नाश, फिर चाहे ढैय्या हो या फिर साढ़ेसाती हनुमान के नाम की एक छोटी सी पूजा से भक्तों की मिलती है शनिदेव के प्रकोप से मुक्ति।
जिन लोगों की कुंडली में या गोचर में शनि कुपित होता है वो अगर पांच शनिवार आकर पूजा करें तो उनके ग्रह दूर हो जाएंगे। बजरंगबली किसी को साढ़ेसाती से मुक्ति दिलाते हैं तो संतान का भी देते हैं आशीर्वाद। जिनके जीवन से संतान की खुशियां रुठी होती हैं उन्हें औलाद का सुख देते हैं बजरंगबली।
कहा जाता है यहां आने से छात्रों को नौकरी मिलती है तो कारोबारियों का व्यापार चमक जाता है। लगातार 4 मंगलवार दर्शन कर जो भक्त महावीर को लड्डू का भोग लगा देते हैं उसका व्यापार दिन दोगुनी रात चौगुनी वृद्धि करने लगता है। यही वजह है कि बालाजी के दर्शन करने दूर-दूर से भक्त खिंचे चले आते हैं और प्रभु की एक झलक पाकर खुद को धन्य मानते हैं।